नयी दिल्ली, 6 दिसंबर (एजेंसी)
अशोभनीय आचरण के कारण निलंबित 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर करीब पांच मिनट पर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने कुछ आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का अवसर दिया। खड़गे ने कहा कि जिन 12 विपक्षी सदस्यों को निलंबित किया गया है, उन्हें सदन में आने की अनुमति दी जाए ताकि वे चर्चा और सदन की कार्यवाही में भाग ले सकें। इस पर हरिवंश ने कहा कि इस मुद्दे पर सभापति ने नेता सदन और विपक्ष के नेताओं के बीच बातचीत कर कोई रास्ता निकालने के लिए पहले ही कह दिया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को सदन में मूल्यवृद्धि के मुद्दे पर हो रही अल्पकालिक चर्चा में भाग लेना चाहिए। हरिवंश ने कहा कि अल्पकालिक चर्चा महत्वपूर्ण विषय पर हो रही है इसलिए विपक्ष सहित सभी दलों के सदस्यों को इसमें भाग लेना चाहिए। किंतु उप सभापति की इस अपील का कोई असर नहीं हुआ और इसके विपरीत कुछ विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये। सदन में हंगामा होते देख हरिवंश ने बैठक को अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दिया।
इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कुछ सदस्यों ने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं। सदन में शोरगुल के बीच ही मंत्रियों ने कुछ पूरक सवालों के जवाब दिए। हंगामे के बीच ही सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्षी सदस्य लोकतंत्र की बात कर रहे हैं लेकिन यहां हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में यहां अशोभनीय घटना हुयी और आसन, अधिकारियों तथा महिला मार्शलों के साथ अशोभनीय आचरण किया गया। सदन में शोरगुल नहीं थमता देख उपसभापति ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी। इससे पहले सुबह, विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।