अम्बाला, 10 सितंबर (हप्र/निस/एजेंसी)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन की आक्रामकता पर उसे कड़ा संदेश दिया है। पांच राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने के समारोह में राजनाथ ने कहा, ‘राफेल विमानों का वायुसेना में शामिल किया जाना पूरी दुनिया, खासकर जो भारत की संप्रभुता पर नजर गड़ाए हुए हैं, उनके लिए एक कड़ा संदेश है। भारत की सीमा के आस-पास बन रहे माहौल को देखते हुए राफेल विमानों का भारतीय वायुसेना में शामिल होना अहम है।’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा भारत की बड़ी प्राथमिकता है और वह अपने क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए दृढ़ संकल्प है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की जिम्मेदारी उसकी क्षेत्रीय सीमा तक सीमित नहीं हैं, वह हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इन दोनों क्षेत्रों में चीन सैन्य आक्रामकता बढ़ा रहा है। रक्षा मंत्री ने एलएसी के पास ‘हालिया दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ के दौरान त्वरित कार्रवाई करने के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना भी की। उन्होंने कहा, ‘जिस गति से वायुसेना ने अग्रिम चौकियों पर हथियारों की तैनाती की उससे आत्मविश्वास बढ़ता है।’
फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने को द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि फ्रांस भारत के रक्षा उद्योग को अपनी वैश्विक सैन्य आपूर्ति शृंखला के साथ एकीकृत करने और मेक इन इंडिया अभियान के लिए भी प्रतिबद्ध है। पार्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की उम्मीदवारी का समर्थन भी किया है।
एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने इस मौके पर कहा कि सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए राफेल विमानों को बेड़े में शामिल करने का इससे उचित वक्त नहीं हो सकता था।
शांति ही मकसद : रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत शांति की तलाश में अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारी रक्षा शक्ति को मजबूत करने के पीछे हमारा मकसद हमेशा शांति का माहौल बनाये रखने से प्रेरित रहा है। हमारा देश ऐसा कोई कदम नहीं उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो कहीं भी शांति भंग करे। हम अपने पड़ोसियों और बाकी दुनिया से भी यही उम्मीद करते हैं।’