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Punjabi crackdown अमेरिका में 1.5 लाख पंजाबी ट्रकर्स फेडरल जांच के घेरे में, 44 फीसदी ड्राइविंग स्कूल नियमों में फेल

3,000 ड्राइविंग स्कूल 30 दिनों में खो सकते हैं मान्यता
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अमेरिका में लगभग 1.5 लाख पंजाबी/सिख ट्रक ड्राइवर इन दिनों अभूतपूर्व फेडरल जांच के दायरे में हैं। राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे इस अभियान में ट्रकिंग स्कूलों और प्रवासी मालिकों की कंपनियों पर व्यापक कार्रवाई की जा रही है। समीक्षा में पाया गया है कि देश के 44 फीसदी ट्रक ड्राइविंग स्कूल न्यूनतम मानकों का पालन नहीं कर रहे, जिसके कारण वे बंद होने की कगार पर हैं। सिख समुदाय का कहना है कि जांच के नाम पर उन्हें अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है।

ट्रांसपोर्टेशन डिपार्टमेंट ने बताया कि देशभर के 16,000 पंजीकृत ड्राइविंग प्रोग्राम्स में से करीब 3,000 प्रशिक्षण और रिकॉर्ड मानकों पर खरे नहीं उतर सके। फेडरल विभाग इन स्कूलों की मान्यता अगले 30 दिनों के भीतर रद्द करने की तैयारी में है। इसके अलावा 4,500 संस्थानों को चेतावनी दी गई है कि वे भी जल्द कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।

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मान्यता रद्द होने के बाद ये स्कूल छात्रों को वह अनिवार्य प्रमाणपत्र जारी नहीं कर पाएंगे, जो कमर्शियल लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है। इससे छात्रों के इन स्कूलों को छोड़ने की संभावना बढ़ जाएगी। विभाग के अनुसार कई संस्थान पहले से ही निष्क्रिय पाए गए हैं।

प्रवासी मालिकों की कंपनियों का डीएचएस ऑडिट

डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने कैलिफोर्निया में प्रवासी मालिकों वाली ट्रकिंग कंपनियों का भी ऑडिट शुरू किया है। इसमें ड्राइवरों की इमिग्रेशन स्थिति और कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता की जांच की जा रही है।

यह कार्रवाई उस घटना के बाद तेज हुई, जिसमें एक कथित तौर पर अनधिकृत ड्राइवर ने फ्लोरिडा में अवैध यू-टर्न लेकर तीन लोगों की जान गंवाने वाली दुर्घटना का कारण बना। परिवहन मंत्री सीन डफी ने कहा कि सरकार ‘कम प्रशिक्षित और जोखिम पैदा करने वाले ड्राइवरों को सड़क पर उतरने से रोकने’ के लिए दृढ़ है। उन्होंने कैलिफोर्निया, पेंसिलवेनिया और मिनेसोटा को फेडरल फंडिंग रोकने की चेतावनी भी दी है यदि राज्यों ने लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं में खामियों को दूर नहीं किया।

‘सीडीएल मिल्स’ पर शिकंजा और फर्जी रिकॉर्ड की जांच

उद्योग संगठनों के अनुसार जिन संस्थानों पर कार्रवाई हुई है, उनमें से कई ‘सीडीएल मिल्स’ थे। ये संस्थान कुछ ही दिनों की ट्रेनिंग का दावा करते हुए बिना पर्याप्त अभ्यास और शिक्षा के लाइसेंस प्रमाणपत्र जारी कर देते थे।

उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक मानक संस्थानों में प्रशिक्षण कम से कम एक माह चलता है और इसमें क्लासरूम अध्ययन के साथ सड़क प्रशिक्षण भी शामिल होता है। फेडरल विभाग का आरोप है कि कई संस्थानों ने अधूरे या गलत रिकॉर्ड रखे, प्रशिक्षण डेटा में हेरफेर किया और सुरक्षा मानकों का अनुपालन नहीं किया।

सिख समुदाय : योग्य ड्राइवरों को भी संदेह की नजर से देखा जा रहा

हाल के महीनों में फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया के घातक हादसों में शामिल दोनों ड्राइवर सिख समुदाय से थे। इसके बाद पंजाबी/सिख ट्रकर्स पर अतिरिक्त दबाव और जांच बढ़ी है।

नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी ट्रकर्स एसोसिएशन का अनुमान है कि वेस्ट कोस्ट की ट्रकिंग वर्कफोर्स में 40 फीसदी जबकि देशभर में 20 फीसदी सिख ड्राइवर हैं। एडवोकेसी समूहों के अनुसार अमेरिका में लगभग 1.5 लाख सिख ट्रकर्स काम करते हैं।

यूनाइटेड सिख्स ने कहा कि प्रवासी मालिकों के यहां ‘आक्रामक इमिग्रेशन ऑडिट’ किए जा रहे हैं, जिनसे ‘कानूनी और लाइसेंसशुदा ड्राइवर तक संदिग्ध की तरह ट्रीट किए जा रहे हैं।’ समूह का कहना है कि ऐसी कार्रवाई ज़ेनोफोबिया, उत्पीड़न और सड़क पर हिंसा को बढ़ावा देती है और देश की सप्लाई चेन को जोखिम में डालती है।

17,000 गलत तरीके से जारी लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया

फेडरल निर्देशों के बाद कैलिफोर्निया प्रशासन ने 17,000 कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है। ये लाइसेंस कथित रूप से गलत तरीके से जारी हुए थे या ऐसे ड्राइवरों को दिए गए जिनके वर्क परमिट पहले ही समाप्त हो चुके थे।

 

 

 

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