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आतंकवाद के दौर के बाद पंजाब में पहली बार अखबार सप्लाई बाधित, पुलिस ने जांच के नाम पर रोके वाहन

Punjab News: पंजाब के कई हिस्सों में रविवार को अखबारों का वितरण घंटों तक बाधित रहा, क्योंकि पुलिस ने अखबार ले जाने वाले वाहनों की गहन जांच की। लुधियाना, होशियारपुर, पटियाला, अमृतसर, फरीदकोट, मुकतसर और अहमदगढ़ समेत कई जिलों में...

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लुधियाना के घंटाघर में एकत्रित अखबार विक्रेता। ट्रिब्यून
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Punjab News: पंजाब के कई हिस्सों में रविवार को अखबारों का वितरण घंटों तक बाधित रहा, क्योंकि पुलिस ने अखबार ले जाने वाले वाहनों की गहन जांच की। लुधियाना, होशियारपुर, पटियाला, अमृतसर, फरीदकोट, मुकतसर और अहमदगढ़ समेत कई जिलों में अखबार देर से पहुंचे या बिल्कुल नहीं पहुंचे। बताया गया कि पुलिस ने इन वाहनों को नशा या हथियारों की तस्करी की आशंका में रोका था।

लुधियाना और होशियारपुर से मिली रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने अखबारों की वैनों को रोककर जांच की, जिससे सुबह का वितरण बाधित हुआ। अहमदगढ़ में सुबह 9 बजे तक अखबार नहीं पहुंचा था, जिससे लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी जताई। पाठकों ने कहा कि “रविवार का दिन अखबार पढ़े बिना अधूरा लग रहा है।”

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पटियाला में स्थानीय भाषाओं के अखबारों की वैनों की गहन जांच की गई, हालांकि बाद में उन्हें जाने दिया गया। समाना और पातड़ां जैसे छोटे कस्बों में वितरण में दो से तीन घंटे की देरी हुई। अखबार वितरक मोनू ने बताया, “सुबह करीब 5 बजे छह-सात वाहन थाने ले जाए गए। दो घंटे बाद छोड़े गए, जिससे सप्लाई काफी देर से पहुंची।”

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सरकार और विपक्ष आमने-सामने

पटियाला से सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह “लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ” है और राज्य सरकार “एक अघोषित आपातकाल” थोप रही है। वहीं, जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह ने इसे “प्रेस की आज़ादी पर सीधा हमला” बताया।

उन्होंने एक्स पर दावा किया कि यह कार्रवाई इस खबर को रोकने के लिए की गई कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के सरकारी आवास नंबर 50 में ठहरे हुए हैं।

“खुफिया इनपुट” के आधार पर की गई जांच

पंजाब पुलिस के स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने स्पष्ट किया कि यह जांच “खुफिया इनपुट” के आधार पर की गई थी। उन्होंने कहा, “कुछ इनपुट मिले थे कि अखबार वितरण वाले वाहनों का उपयोग नशा, हथियार के लिए किया जा सकता है। अखबारों की सप्लाई रोकने का कोई प्रयास नहीं हुआ। जिन वाहनों की जांच पूरी हो गई, उन्हें छोड़ दिया गया है।”

पुलिस के अनुसार, जांच अभियान अभी भी जारी है और किसी विशेष मीडिया हाउस को निशाना नहीं बनाया गया है। हालांकि, पाठकों और वितरकों का कहना है कि यह पहली बार है, आतंकवाद के दौर के बाद, जब पंजाब में अखबारों का वितरण इतनी बड़ी संख्या में प्रभावित हुआ है।

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