नयी दिल्ली, 24 फरवरी (एजेंसी)उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को सुप्रीमकोर्ट से कहा कि पंजाब सरकार गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी का ‘‘बेशर्मी” से बचाव कर रही है, जो कथित रंगदारी के एक मामले में रूपनगर की जिला जेल में बंद है। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आरएस रेड्डी की पीठ ने पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रतिवेदन का संज्ञान लिया, जिसमें उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया था। उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें स्थगित करने की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है। अंसारी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि मुख्तार एक ‘मामूली व्यक्ति’ है, जिसे ‘राज्य के ताकतवर लोगों ने घेर लिया है।’ शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई को 2 मार्च तक स्थगित कर दिया। शीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पंजाब राज्य और रूपनगर जेल अधिकारियों को तत्काल अंसारी को जिला जेल बांदा को सौंपने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। अंसारी पंजाब में रूपनगर जिला जेल में जनवरी, 2019 से ही बंद है। शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे में पंजाब ने अंसारी के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा कि जनवरी 2019 से उसका जेल के अस्पताल और अन्य अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अंसारी के स्वास्थ्य और डॉक्टरों के सुझाव का हवाला देते हुए उसने कहा कि अंसारी को ‘समय-समय पर चिकित्सा अधिकारियों/चिकित्सा बोर्ड/विशेषज्ञों की विशिष्ट सलाह के कारण उत्तर प्रदेश को नहीं सौंपा जा सकता।’