नयी दिल्ली, 16 मई (एजेंसी)
केंद्र ने रविवार को उत्तर प्रदेश एवं बिहार को निर्देश दिया कि शवों को गंगा और इसकी सहायक नदियों में फेंकने पर रोक लगाई जाए तथा उनके सुरक्षित एवं सम्मानजनक अंतिम संस्कार पर जोर दिया जाए। यह निर्देश ऐसे समय दिया गया है जब हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ने के बाद इन नदियों में अनेक शव तैरते मिले थे। केंद्र ने 15-16 मई को हुई एक समीक्षा बैठक में कहा कि हाल ही में शवों, आंशिक रूप से जले एवं क्षत-विक्षत शव प्रवाहित करने के कई मामले सामने आए हैं जो ‘अत्यंत अनुचित एवं चिंताजनक’ है। जलशक्ति मंत्रालय ने कहा,‘नमामि गंगे (मिशन) राज्यों को गंगा में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगाने और उनके सुरक्षित निस्तारण एवं सम्मानजनक अंतिम संस्कार पर बल देने निर्देश देता है।’
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर बार-बार पानी की गुणवत्ता की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संपूर्ण निगरानी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों का मार्गदर्शन करने एवं इस बारे उच्चस्तरीय मूल्यांकन करने का जिम्मा सौंपा गया है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा द्वारा 11 मई को इस संबंध में जिलाधिकारियों को परामर्श जारी किया गया था। इसके बाद नदियों में शवों को फेंके जाने से रोकने तथा कोविड-19 के मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार पर्यावरण दिशा-निर्देशों के अनुसार सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया।