प्रियंका गांधी ने राहत पैकेज को अनुदान में बदलने के लिए पीएम को लिखा पत्र
वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा कि केरल के सांसदों के लगातार आग्रह के बाद केंद्र सरकार ने तबाही के पीड़ितों के लिए 529.50 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की जो घोषणा की है, वह अपर्याप्त है। वहीं ये पैकेज 2 शर्तों के साथ है। पहली शर्त है कि जो धनराशि वितरित की जाएगी, वो अनुदान के रूप में नहीं, बल्कि ऋण के रूप में दी जाएगी। दूसरी शर्त है कि राशि को 31 मार्च, 2025 तक पूरी तरह से खर्च किया जाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि ये शर्तें न केवल बेहद अनुचित हैं, बल्कि चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी भी दर्शाती हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि इस भीषण त्रासदी के बाद आपने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। आपके दौरे से केंद्र सरकार से काफी आर्थिक मदद की उम्मीदें जगी हैं। दुर्भाग्य से वे अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से इनकार करना पीड़ितों के लिए एक बड़ा झटका था। इस अपर्याप्त और सशर्त राहत पैकेज की घोषणा बेहद निराशाजनक है।
कहा- 529.50 करोड़ का पैकेज पर्याप्त नहीं
वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा कि केरल के सांसदों के लगातार आग्रह के बाद केंद्र सरकार ने तबाही के पीड़ितों के लिए 529.50 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की जो घोषणा की है, वह अपर्याप्त है। वहीं ये पैकेज 2 शर्तों के साथ है। पहली शर्त है कि जो धनराशि वितरित की जाएगी, वो अनुदान के रूप में नहीं, बल्कि ऋण के रूप में दी जाएगी। दूसरी शर्त है कि राशि को 31 मार्च, 2025 तक पूरी तरह से खर्च किया जाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि ये शर्तें न केवल बेहद अनुचित हैं, बल्कि चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी भी दर्शाती हैं।
