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प्रियंका चोपड़ा की जिंदगी का टर्निंग प्वॉइंट बनीं ‘फैशन', बोलीं- फिल्म में निभाए किरदार ने बदल दी किस्मत

प्रियंका ने कहा कि मुझे खुद के लिए मौके बनाने पड़े

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प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि उन्होंने जब बॉलीवुड में कदम रखा था, तब उनका न तो कोई ‘गॉडफादर' था, न ही उन्हें किसी फिल्मी घराने का समर्थन हासिल था। प्रियंका कहती हैं कि करियर के शुरुआती दौर में उन्हें जो भी भूमिकाएं मिलीं, वह उन्हें स्वीकार करती गईं, शूटिंग के लिए दिन-रात एक कर दिए, अमेरिका में पॉप संगीत में भी हाथ आजमाया और आखिरकार ‘फैशन' में निभाए गए किरदार ने उनकी किस्मत बदल दी।

आज प्रियंका हॉलीवुड में भी एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय करियर के शुरुआती दौर में की गई कड़ी मेहनत को देती हैं। अबू धाबी में आयोजित ‘ब्रिज मीडिया सम्मेलन' में प्रियंका (43) ने 2000 में ‘मिस वर्ल्ड' का खिताब जीतने से लेकर हिंदी फिल्मों में दस्तक देने और फिर हॉलीवुड का रुख करने तक के अपने सफर को याद किया। उन्होंने 2008 में प्रदर्शित ‘फैशन' को अपने करियर का रुख बदलने वाली फिल्म बताया। प्रियंका ने कहा कि जब उन्होंने 25 साल पहले फिल्मों में काम करना शुरू किया था, तब उनका मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था। जब मैंने मुंबई में कदम रखा, तो मेरी राह आसान नहीं थी।

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मुझे यहां टिके रहने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी, लेकिन मेरा स्वभाव ऐसा है कि मैं जो भी काम अपने हाथों में लेती हूं, उसमें अपना 100 प्रतिशत देती हूं, वरना मैं उसे कभी पूरा नहीं कर पाऊंगी। एक समय ऐसा भी आया, जब मेरी लगातार छह फिल्में फ्लॉप हो गईं और मुझे एहसास हुआ कि मुझे कुछ अलग करना होगा। प्रियंका ने कहा कि इसके बाद मुझे ‘फैशन' में काम करने का प्रस्ताव मिला, जिसमें दो लीड हीरोइन थीं। लोगों को लगा कि मेरा समय खराब चल रहा है, तभी मैं एक महिला-प्रधान फिल्म कर रही हूं, लेकिन बाकी सब इतिहास है, क्योंकि मैंने उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। इसी तरह, जब मैंने हॉलीवुड के बारे में सोचा, तो मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।

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पूर्व ‘मिस वर्ल्ड' ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अवसर खुद-बखुद चलकर उनके दरवाजे पर आए, बल्कि कई मौकों पर अच्छे अवसर उनसे छीन लिए गए। प्रियंका ने कहा कि मुझे खुद के लिए मौके बनाने पड़े। मुझे लीक से हटकर फिल्में और भूमिकाएं हासिल करने के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ा। फिल्म उद्योग में शायद हर महिला की यही कहानी है। चुनिंदा भूमिकाएं स्वीकार करने से जुड़े सवाल पर प्रियंका ने कहा कि जब उन्होंने फिल्मी दुनिया में दस्तक दी थी, तब ऐसा नहीं था, क्योंकि उस समय वह सिर्फ काम हासिल करना चाहती थीं।

उन्होंने कहा कि लेकिन अब मुझे लगता है कि मैं करियर के उस पड़ाव पर हूं, जहां मैं दमदार भूमिकाएं मिलने का इंतजार कर सकती हूं और साधारण किरदारों को ठुकरा सकती हूं। प्रियंका कहती हैं कि मैंने करियर के लिए बहुत त्याग किया, परिवार के साथ समय बिताने और त्योहार मनाने का मौका गंवाया। हर चीज का एक समय होता है। उस समय मुझे काम पर ध्यान देने और त्याग करने की जरूरत थी। अगर मैंने ऐसा नहीं किया होता, तो मैं आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाती, जहां मैं फिल्में ठुकराने का फैसला ले सकती हूं। मैं इसका श्रेय शुरुआती दौर में की गई कड़ी मेहनत और त्याग को देती हूं।

प्रियंका ने कहा कि इस दुनिया का कोई भी इंसान हर समय सही नहीं हो सकता। आपको खुद पर भरोसा करने, आत्मचिंतन करने और जो आप करने जा रहे हैं, उसका नफा-नुकसान आंकने की जरूरत है। इतना ही काफी है। मैंने भी दिन-रात काम किया, क्योंकि लोग कहते थे कि सफलता पाने का यही एकमात्र तरीका है। आज मैं कह सकती हूं कि कड़ी मेहनत करो, पर उस सीमा तक, जिससे आपको नुकसान न पहुंचे।

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