शिमला/केलांग 3 अक्तूबर (निस/ एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में शनिवार को ‘अटल टनल’ का उद्घाटन किया। मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ने वाली 9.02 किलोमीटर लंबी यह टनल दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह सुरंग 10 हजार फुट की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल शृंखला में आधुनिक विशिष्टताओं के साथ बनाई गयी है। इसके उद्घाटन के बाद जनसभाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पूर्व यूपीए सरकार पर लंबे समय तक देश के रक्षा हितों से समझौता करने का आरोप लगाया। पीएम ने कहा, सीमा से जुड़ी विकास परियोजनाएं अटकी, लटकी और भटकी रहीं, लेकिन आज स्थिति बदल गयी है। इस दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किया गया है। सीमा क्षेत्र के विकास के लिए पूरी ताकत लगा दी गयी है। सीमावर्ती इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी ताकि देश की सीमाओं को और मजबूत किया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं। सुरंग के साउथ पोर्टल पर आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री ने कहा, पूर्व यूपीए सरकार ने लंबे समय तक रणनीतिक महत्व की सड़क परियोजनाओं, पुलों और सुरंगों के निर्माण में देरी की। रोहतांग सुरंग का मामला इनमें से एक है। इसके निर्माण में भी पूर्व यूपीए सरकार ने कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों तक सत्ता में बैठे रहे लोगों ने हमारी सैन्य क्षमताओं को मजबूत होने से रोका। उन्होंने सवाल किया, ‘लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के रूप में सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण एयर स्ट्रिप 40-45 साल तक बंद रही। क्या मजबूरी थी, क्या दबाव था। क्यों राजनीतिक इच्छाशक्ति नजर नहीं आई?’
प्रधानमंत्री ने सुरंग में दक्षिण पोर्टल से उत्तरी पोर्टल तक यात्रा की और मुख्य टनल में ही बनाई गई आपातकालीन टनल का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
‘कृषि सुधारों का विरोध स्वार्थ की राजनीति’ : कुल्लू स्थित सोलंग घाटी में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कृषि सुधार कानूनों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘ऐसे अनेक सुधारों से लोगों का समय और पैसा दोनों बच रहा है और भ्रष्टाचार के रास्ते भी बंद हो रहे हैं। देश में आज जो सुधार किए जा रहा जा रहे हैं, उनसे ऐसे लोग परेशान हो गए हैं जिन्होंने हमेशा अपने राजनीतिक हितों के लिए काम किया है।’ उन्होंने कहा कि सुधारों और व्यवस्थाओं में बदलाव के विरोधी अपने स्वार्थ की जितनी भी राजनीति कर लें, यह देश रुकने वाला नहीं है। मोदी ने कहा, ‘कृषि सुधार कानूनों का विरोध करने वाले कहते हैं कि यथास्थिति बनाए रखो। सदी बदल गई लेकिन उनकी सोच नहीं बदली। अब सदी बदल गई है तो सोच भी बदलनी होगी। देश आज परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा कि इन सुधारों से बिचौलियों और दलालों के तंत्र पर प्रहार हो रहा है तो वह बौखला रहे हैं।
कोरोना काल में पहली रैली : लाहौल के सिस्सू गांव में आयोजित एक जनसभा में मोदी ने कहा कि उनकी सरकार में नयी सोच के साथ काम हो रहा है। कोरोना महामारी के दौर में प्रधानमंत्री की यह पहली रैली थी।
…तो 2040 में बनती सुरंग
मोदी ने कहा कि 2014 तक इस सुरंग का निर्माण 300 मीटर ही हर वर्ष हो रहा था, उनकी सरकार बनने के बाद इसे बढ़ाकर 1400 मीटर प्रति वर्ष किया गया। पीएम ने कहा कि यदि इस सुरंग का निर्माण यूपीए सरकार की गति से ही हुआ होता, तो यह 2040 में बनकर तैयार होनी थी। गौर हो कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था। सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गयी थी। इस परियोजना की आधारशिला सोनिया गांधी ने 2010 में रखी थी।