नयी दिल्ली, 12 अक्तूबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को कोयला आपूर्ति और बिजली उत्पादन की स्थिति का जायजा लिया। विभिन्न राज्यों में कोयले की कमी के कारण ऊर्जा संकट को दूर करने के उपायों पर गौर करने के तहत यह कदम उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार, बिजली सचिव आलोक कुमार और कोयला सचिव ए के जैन ने कोयला तथा बिजली की उपलब्धता के बारे में पूरी जानकारी दी। बैठक में कोयले का परिवहन बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, कोयला मंत्रालय से ईंधन आपूर्ति बढ़ाने को कहा गया है जबकि रेलवे से बिजलीघरों तक कोयले की ढुलाई को लेकर रैक उपलब्ध कराने को कहा गया है।
देश में कोयले की कमी से विभिन्न राज्यों में बिजली की कटौती हुई है। करीब दो-तिहाई कोयला आधारित बिजलीघरों में एक सप्ताह या उससे कम का ईंधन भंडार बचा है। हालांकि, कोयला मंत्रालय ने कहा कि बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा की बात गलत है।
वहीं, केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने संकट दूर करने के लिये निर्देश जारी किये हैं। इसमें जहां राज्यों से एक्सचेंज को बिजली ऊंचे दाम पर बेचने से मना किया गया है, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बिजली उत्पादकों से पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड से बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति इस सप्ताह बढ़ाकर प्रतिदिन 15.5 लाख टन से 16 लाख टन करने को कहा गया है। वहीं, 20 अक्तूबर के बाद इसे बढ़ाकर 17 लाख टन करने को कहा गया है।
इस बीच, एक कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार बिजली उत्पादकों की कोयले की मांग पूरी करने का भरपूर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सोमवार को आपूर्ति 19.5 लाख टन रही। इसमें से 16 लाख टन कोयला कोल इंडिया ने अौर शेष सिंगरेली कोलियरीज कंपनी ने भेजा। उन्होंने कहा कि आपूर्ति बढ़ाकर 20 लाख टन प्रतिदिन करने का प्रयास किया जा रहा है, जो एक रिकॉर्ड होगा।