मुंबई, 6 दिसंबर (एजेंसी)
सुप्रीम काेर्ट ने सोमवार को मुंबई पुलिस को पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जांच करने की अनुमति दे दी, लेकिन कदाचार और भ्रष्टाचार के आरोपों में उनके खिलाफ प्राथमिकी पर आरोप पत्र दाखिल करने से उसे रोक दिया। न्यायालय ने सिंह को दिए अंतरिम संरक्षण की अवधि के मामले में सुनवाई की अगली तारीख एक जनवरी 2022 तक बढ़ा दी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह अपना जवाब दायर करे कि क्या जांच उसे सौंपी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह सिर्फ ‘पक्षपात की आशंका’ को लेकर चिंतित है। सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्राथमिकी भी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए और वह इस संबंध में हलफनामा दायर करेंगे।
महाराष्ट्र की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाता ने कहा कि सिंह की याचिका विभागीय जांच के खिलाफ सेवा विवाद है, जिसे केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (सीएटी) के समक्ष चुनौती दी जानी चाहिए। पीठ ने इस पर कहा, ‘उनकी सेवा आदि के संबंध में आपके क्या आरोप हैं, यह आपको देखना है। लेकिन यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण संदेशों में से एक है। हमें केवल यही चिंता होनी चाहिए कि क्या अन्य मामलों के संबंध में सीबीआई को इस पर विचार करना चाहिए या नहीं।’