नयी दिल्ली, 19 अगस्त (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम के एक प्रावधान को चुनौती दी गयी है और दावा किया गया है कि यह मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ भेदभाव वाला है क्योंकि यह कथित तौर पर इस्लाम छोड़ने या धर्मांतरण करने पर पति को तो शादी तोड़ने की इजाजत देता है, लेकिन पत्नी ऐसा करे तो अनुमति नहीं देता।
दिल्ली निवासी तूबा कामिल और हरी मुद्गल ने याचिका दाखिल कर कानून की धारा 4 को चुनौती दी है।