नयी दिल्ली, 18 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का बुधवार को आदेश दिया, जो उम्रकैद की सजा के तहत करीब 30 साल से जेल में बंद है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश दिया। संविधान का यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट को विशेषाधिकार देता है, जिसके तहत संबंधित मामले में कोई अन्य कानून लागू न होने तक उसका फैसला सर्वोपरि माना जाता है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे पेरारिवलन को न्यायालय ने यह देखते हुए 9 मार्च को जमानत दे दी थी कि सजा काटने और पैरोल के दौरान उसके आचरण को लेकर किसी तरह की शिकायत नहीं मिली। शीर्ष अदालत 47 वर्षीय पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने ‘मल्टी डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी’ (एमडीएमए) की जांच पूरी होने तक उम्रकैद की सजा निलंबित करने का अनुरोध किया था।
तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बदुर में 21 मई, 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था, जिसमें राजीव गांधी मारे गए थे। महिला की पहचान धनु के तौर पर हुई थी। न्यायालय ने मई 1999 के अपने आदेश में चारों दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथन और नलिनी की मौत की सजा बरकरार रखी थी। इसके बाद 18 फरवरी 2014 को शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन, संथन और मुरुगन की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। न्यायालय ने यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा उनकी दया याचिकाओं के निपटारे में 11 साल की देरी के आधार पर किया था।
कांग्रेस ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, मोदी सरकार पर आरोप
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने पेरारिवलन को रिहा करने के आदेश को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे हालात पैदा किए कि अदालत को यह निर्णय देना पड़ा। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आतंकवाद को लेकर सरकार का यह रवैया निंदनीय है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘9 सितंबर, 2018 को तमिलनाडु की तत्कालीन अन्नाद्रमुक-भाजपा सरकार ने उस समय के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को सिफारिश भेजी कि राजीव गांधी की हत्या के सभी सात दोषियों को रिहा कर दिया जाए। राज्यपाल ने मामला राष्ट्रपति को भेज दिया। राष्ट्रपति ने भी ने कोई निर्णय नहीं किया। इस विलंब और भाजपा सरकार द्वारा नियुक्त राज्यपाल द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने के कारण एक हत्यारे को रिहा कर दिया गया। अब सभी दोषी रिहा हो जाएंगे।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जिस आधार पर निर्णय हुआ है उस आधार पर तो हजारों तमिल कैदियों को छोड़ दिया जाना चाहिए। देश में आजीवन कारावास के लाखों कैदी हैं, उनको भी छोड़ दिया जाना चाहिए।’