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न्यायिक प्रक्रिया से लोग त्रस्त : सीजेआई

कहा- यह वादियों के लिए एक सजा है और जजों के लिए चिंता का विषय

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नयी दिल्ली में शनिवार को अनुकंपा आधारित नियुक्ति संबंधी वाद का निपटारा कर अभ्यर्थी को पत्र सौंपते भारत के च्ाीफ जस्िटस डीवाई चंद्रचूड़। साथ हैं केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल। - एएनआई
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नयी दिल्ली, 3 अगस्त (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में लोक अदालतों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोग अदालतों के मामलों से ‘इतने तंग’ आ गए हैं कि वे बस समझौता चाहते हैं। लोक अदालतें ऐसा मंच हैं, जहां न्यायालयों में लंबित या मुकदमेबाजी से पहले के विवादों और मामलों का निपटारा या सौहार्दपूर्ण ढंग से समझौता किया जाता है। पारस्परिक रूप से स्वीकृत समझौते के विरुद्ध कोई अपील दायर नहीं की जा सकती। चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष लोक अदालत सप्ताह के उपलक्ष्य में कहा, ‘लोग इतना परेशान हो जाते हैं अदालत के मामलों से कि वे कोई भी समझौता चाहते हैं... बस अदालत से दूर करा दीजिए। यह प्रक्रिया वादियों के लिए एक सजा है और यह हम सभी न्यायाधीशों के लिए चिंता का विषय है।’

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वह सुप्रीम कोर्ट के 75वें स्थापना वर्ष पर लोक अदालत सप्ताह के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें हर स्तर पर लोक अदालत के आयोजन में बार और बेंच सहित सभी से जबरदस्त समर्थन और सहयोग मिला। चंद्रचूड़ ने कहा कि जब लोक अदालत के लिए पैनल गठित किए गए थे तो यह सुनिश्चित किया गया था कि प्रत्येक पैनल में दो न्यायाधीश और बार के दो सदस्य होंगे।

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मध्यस्थता भारतीय संस्कृति का हिस्सा : मेघवाल

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को मध्यस्थता को प्राचीन भारतीय संस्कृति का हिस्सा बताते हुए महाभारत की कहानियों का हवाला दिया। शादी से जुड़े विवादों को निपटाने में लोक अदालतों की भूमिका की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि पहले जो काम परिवार के बुजुर्ग करते थे, अब वह वैकल्पिक विवाद समाधान व्यवस्था द्वारा किया जा रहा है। मेघवाल ने कहा कि पहली लोक अदालत भगवान कृष्ण ने आयोजित की थी, जब उन्होंने कौरवों और पांडवों के बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश की थी। उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों को भी उद्धृत किया कि कैसे भगवान कृष्ण ने शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश की।

लोक अदालत का उद्देश्य लोगों के घरों तक न्याय पहुंचाना

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘लोक अदालत का उद्देश्य लोगों के घरों तक न्याय पहुंचाना और लोगों को यह सुनिश्चित करना है कि हम उनके जीवन में निरंतर मौजूद हैं।’ चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें सचमुच में लगता है कि सुप्रीम कोर्ट भले ही दिल्ली में स्थित हो, लेकिन यह दिल्ली का सुप्रीम कोर्ट नहीं है। यह भारत का सुप्रीम कोर्ट है। विशेष लोक अदालत सप्ताह के दौरान 1000 से अिधक मामलों का िनपटारा किया गया।

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