नयी दिल्ली, 21 सितंबर (एजेंसी)
राज्यसभा से भी महिलाओं को आरक्षण देने वाला विधेयक बृहस्पतिवार को पास कर दिया। विधेयक के पक्ष में 215 वोट पड़े, जबकि विरोध में एक वोट भी नहीं पड़ा। लोकसभा इस विधेयक को बुधवार को पास कर चुकी है। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक को देश की नारी शक्ति को नयी ऊर्जा देने वाला करार देते हुए कहा कि इससे महिलाएं राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए नेतृत्व के साथ आगे आएंगी। इससे पहले भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण के प्रावधान वाला संविधान संशोधन विधेयक यदि आज संसद से पारित हो जाता है तो 2029 में लोकसभा में 33 प्रतिशत महिलाओं की मौजूदगी सुनिश्चित हो जाएगी। राज्यसभा में ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए नड्डा ने कहा कि महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने की खातिर केंद्र सरकार ने जो रास्ता चुना है, वह सबसे छोटा और सही रास्ता है।
जनगणना व परिसीमन के पहले करें लागू : कांग्रेस
कांग्रेस ने इस विधेयक को भाजपा का ‘चुनावी एजेंडा’ और ‘झुनझुना’ करार देते हुए मांग की कि इसे जनगणना एवं परिसीमन के पहले ही लागू किया जाए। इसके साथ ही पार्टी ने दावा किया कि यह विधेयक राजनीतिक समीकरण को ध्यान में रखकर लाया गया है। कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह 2014 में सत्ता आई इस सरकार ने महिला आरक्षण लागू करने का वादा किया था। इससे पहले कांग्रेस सदस्य रंजीत रंजन ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सवाल किया कि इस विधेयक के लिए संसद के विशेष सत्र की क्या जरूरत थी? कांग्रेस की ही रजनी पाटिल ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि आज वह भाव विभोर हैं। पाटिल ने जब अपना संबोधन आरंभ किया था उस समय आसन पर पीठासीन उपाध्यक्ष के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी सदन का संचालन कर रही थी लेकिन जैसे ही उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्रियों को बुलाए जाने का जिक्र किया, उसी समय आसन पर समाजवादी पार्टी की सदस्य और अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री रहीं जया बच्चन आसीन हुईं। बच्चन ने कहा कि इस समय वह आसन पर विराजमान हैं, लिहाजा कुछ नहीं बोलेंगी।