कलायत (निस) : किसान आंदोलन को लेकर उपमंडल के अलग-अलग गांव में पंचायतों का आयोजन किया गया जिसमें किसान नेताओं दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरना स्थल पर पहुंचने का आह्वान किया गया। गांव बड़सीकरी, कैलरम, मटौर, खेड़ी लंबा, बालू, सिमला के अलावा अनेक गांव में सुबह से सायं तक पंचायतों का दौर चलता रहा। पंचायतों में बुजुर्ग किसानों द्वारा किसान आंदोलन के दौरान युवाओं से संयम से काम लेने व सोच समझ कर फैसला करने की भी अपील की गई।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।