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पहलगाम हमला : जंगल से निकले आदमी ने गोली चलाई और मेरे पिता गिर पड़े : आरती

कोच्चि, 24 अप्रैल (एजेंसी)पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने पिता को खोने वाली केरल के कोच्चि की निवासी आरती आर मेनन इस भयावह मंजर को कभी नहीं भूल पायेंगी। अपनी आंखों के सामने अपने पिता एन. रामचंद्रन की गोली...
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कोच्चि, 24 अप्रैल (एजेंसी)पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने पिता को खोने वाली केरल के कोच्चि की निवासी आरती आर मेनन इस भयावह मंजर को कभी नहीं भूल पायेंगी। अपनी आंखों के सामने अपने पिता एन. रामचंद्रन की गोली मारकर हत्या होते देखने के तीन दिन बाद मेनन घर वापस आ गई हैं और अभी भी इस भयावह मंजर के सदमे से जूझ रही हैं। उन्होंने यहां बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा, ‘पहले तो हमने सोचा कि यह आतिशबाजी हो रही है। लेकिन अगली गोली चलने पर मुझे पता चल गया कि यह आतंकवादी हमला है।' मेनन अपने 65 वर्षीय पिता और छह वर्षीय जुड़वां बेटों के साथ बैसरन में घूम रही थीं तभी यह भयावह घटना घटी। उनकी मां शीला उन लोगों के साथ नहीं थीं। वह कार में ही बैठी हुई थीं। उन्होंने कहा, ‘हम लोगों ने बचने के लिए बाड़ के नीचे से निकलने की कोशिश की। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। जब ​​हम आगे बढ़ रहे थे, तो एक आदमी जंगल से निकला। उसने सीधे हमारी तरफ देखा।' मेनन ने कहा कि जंगल से निकले उस व्यक्ति ने कुछ ऐसे शब्द कहे जो उन्हें समझ में नहीं आए। उन्होंने बताया, ‘हमने क्या जवाब दिया, हमें नहीं पता। अगले ही पल उसने गोली चला दी। मेरे पिता गिर पड़े।' उन्होंने कहा, ‘मैंने दो लोगों को देखा, लेकिन उन्होंने सेना की वर्दी नहीं पहनी थी।' उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटों ने चिल्लाना शुरू कर दिया और वह आदमी भाग गया। मुझे पता था कि मेरे पिता अब इस दुनिया से चले गए हैं। मैं अपने बेटों को लेकर जंगल में भाग गई, मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि मैं कहां जा रही हूं।' मेनन ने बताया कि वे जंगल में लगभग एक घंटे तक भटकते रहे। उन्होंने बताया कि जब आखिरकार उनके फोन पर सिग्नल पर आया, तो उन्होंने अपने चालक को फोन किया। उन्होंने कहा कि इस भयावह मंजर के बीच मेनन को कुछ अजनबी लोगों का सहारा भी मिला और उन्होंने उनके साथ परिवार जैसा व्यवहार किया।

 

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