किसानों के लिए ‘कर्जमाफी से कर्जमुक्ति’ हमारा लक्ष्य, कृषि को मिलना चाहिए उद्योग का दर्जा : भूपेंद्र हुड्डा : The Dainik Tribune

किसानों के लिए ‘कर्जमाफी से कर्जमुक्ति’ हमारा लक्ष्य, कृषि को मिलना चाहिए उद्योग का दर्जा : भूपेंद्र हुड्डा

राजस्थान में कांग्रेस के चिंतन शिविर में कृषि संबंधी समूह की बैठक के बाद बोले हरियाणा की पूर्व सीएम

किसानों के लिए ‘कर्जमाफी से कर्जमुक्ति’ हमारा लक्ष्य, कृषि को मिलना चाहिए उद्योग का दर्जा : भूपेंद्र हुड्डा

राजस्थान के उदयपुर में शनिवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के चिंतन शिविर में कृषि संबंधी समूह की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए।-प्रेट्र

उदयपुर, 14 मई (एजेंसी)

कांग्रेस ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की अपनी मांग दोहराते हुए शनिवार को कहा कि ‘कर्जमाफी से कर्जमुक्ति' उसका लक्ष्य है। पार्टी के चिंतन शिविर में कृषि संबंधी समूह की बैठक के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार ने पिछले दरवाजे से तीनों कृषि कानून फिर से लाने की कोशिश की तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि संबंधी समूह की बैठक में करीब 40 लोगों ने अपने विचार रखे तथा एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि पर जलवायु परिवर्तन का असर, किसानों की आय दोगुनी करने, फसल बीमा योजना तथा कई अन्य विषयों पर चर्चा हुई है।

हुड्डा ने कहा, ‘सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। आमदनी तो दोगुनी नहीं हुई, लेकिन किसानों पर कर्ज जरूर बढ़ गया। 2014 में किसानों पर 9.64 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जो अब बढ़कर 16.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है।' उनके मुताबिक, कृषि संबंधी समूह की बैठक में यह सुझाव दिया गया कि ‘राष्ट्रीय किसान ऋण राहत आयोग' का गठन होना चाहिए और कृषि को भी उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कर्जमाफी से कर्जमुक्ति के लक्ष्य तक जाएंगे। इसके लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी होनी चाहिए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक सी 2 फार्मूले के तहत एमएसएपी होनी चाहिए। एमएसपी सभी कृषि उत्पादों पर लागू होनी चाहिए।'' हुड्डा ने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कामयाब नहीं है। प्रीमियम ज्यादा जाता है, मुआवजा कम मिलता है। इसे फिर से तैयार करने की जरूरत है। सभी फसलों का बीमा होना चाहिए।'' निरस्त हो चुके तीनों कृषि कानूनों से जुड़े सवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अगर सरकार ने इन कानूनों को पिछले दरवाजे से लाने की कोशिश की तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।'

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