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उमर अब्दुल्ला को अलग रह रही पत्नी से नहीं मिला तलाक

पारिवारिक अदालत का 2016 का आदेश बरकरार
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नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (ट्रिन्यू / प्रेट्र)

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की तलाक वाली याचिका खारिज कर दी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने अलग रह रही पत्नी पायल अब्दुल्ला से क्रूरता के आधार पर तलाक की मांग की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि उमर अब्दुल्ला को तलाक देने से इनकार करने वाले पारिवारिक अदालत के आदेश के खिलाफ उनकी अपील सुनवाई योग्य नहीं है।

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जस्टिस संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 2016 के पारिवारिक न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें अब्दुल्ला को तलाक का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था।

पीठ ने कहा,’हमें पारिवारिक अदालत के इस दृष्टिकोण में कोई खामी नहीं मिली कि क्रूरता के आरोप अस्पष्ट व अस्वीकार्य हैं, अपीलकर्ता किसी भी ऐसे एक्शन को साबित करने में विफल रहा जिसे क्रूरता कहा जा सके, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक।

30 अगस्त 2016 को, पारिवारिक अदालत ने अब्दुल्ला की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि अपीलकर्ता ‘क्रूरता’ या ‘परित्याग’ के अपने दावों को साबित नहीं कर सका, जो तलाक प्राप्त करने का आधार थे।

पीठ ने कहा,’याचिकाकर्ता (अब्दुल्ला) एक भी ऐसी परिस्थिति बताने में सक्षम नहीं है जिससे लगे कि उसके लिए पत्नी के साथ अपने रिश्ते को जारी रखना असंभव हो गया है।

याचिका दायर करने तक लगातार संपर्क में था दंपति

ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सबूत से पता चलता है कि वे तलाक की याचिका दायर करने तक लगातार संपर्क में थे। कोई जरा-सा भी सबूत नहीं है जिससे पता चले कि इस कारण उन्होंने तलाक की याचिका दायर की। अब्दुल्ला ने पारिवारिक अदालत के समक्ष दावा किया था कि उनकी शादी पूरी तरह से टूट गई है और उन्होंने 2007 से वैवाहिक संबंध का आनंद नहीं लिया है और 1 सितंबर 1994 को शादी करने वाला यह जोड़ा 2009 से अलग रह रहा है। दंपति के दो बेटे हैं जो मां के साथ रह रहे हैं। ट्रायल कोर्ट के समक्ष याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि पायल ने अब्दुल्ला के साथ ‘अनुचित आचरण’ किया, जिससे उनका उत्पीड़न हुआ।

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