
प्रतीकात्मक चित्र
नयी दिल्ली, 26 मई (एजेंसी)
दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तीन वर्ष के लिए ‘सामान्य पासपोर्ट' जारी करने के वास्ते शुक्रवार को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी कर दिया। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की आपत्ति के कारण राहुल को दस वर्ष का एनओसी नहीं मिला। राहुल को सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके पश्चात राहुल ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज लौटा दिए थे।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने अपने आदेश में कहा, ‘मैं आंशिक रूप से आपकी अर्जी मंजूर कर रहा हूं। दस वर्ष के लिए नहीं बल्कि तीन वर्ष के लिए।' अदालत ने इस बात पर गौर किया कि नेशनल हेराल्ड मामला शिकायतकर्ता की जिरह के स्तर पर लंबित है और राहुल गांधी व्यक्तिगत तौर पर या वकील के माध्यम से लगातार पेश हो रहे हैं और उन्होंने न ही कार्रवाई में व्यवधान डाला है और न ही देरी होने दी है। राहुल नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं और इसमें भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी शिकायतकर्ता हैं। राहुल का जून के पहले सप्ताह में सैन फ्रांसिस्को, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क जाने का कार्यक्रम है, जहां वह भारतीय-अमेरिकियों की दो बैठकों को संबोधित कर सकते हैं। उधर, शुक्रवार को जिरह के दौरान भाजपा नेता स्वामी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि राहुल की नागरिकता भी सवालों के घेरे में हैं क्योंकि उनके पास ब्रिटेन की नागरिकता है। राहुल की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने इस पर एतराज उठाया और दावा किया कि नागरिकता के मुद्दों पर आपराधिक कार्रवाई के अनुरोध संबंधी दो याचिकाएं हाईकोर्ट द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी हैं।
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