नयी दिल्ली, 15 जून (एजेंसी)
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत की पहली बरसी पर मंगलवार को कहा कि एक वर्ष का समय गुजरने के बाद भी इस घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है। सोनिया ने जवानों के बलिदान को याद किया और यह दावा किया कि सैनिकों को पीछे हटाने का जो समझौता चीन के साथ हुआ है, उससे भारत का नुकसान दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी आग्रह करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम हमारे उन जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं, जो सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।’
सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को एक साल पूरा हो गया है। इसमें बिहार रेजीमेंट के हमारे 20 जवानों की जान चली गई थी। कांग्रेस हमारे जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने में राष्ट्र के साथ शामिल है।’ उनके मुताबिक, इसका बहुत ही धैर्य के साथ इंतजार किया गया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी, जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सोनिया ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।’ उन्होंने यह भी कहा कि हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार-बार ब्योरा मांगा।
‘राष्ट्र की स्मृति में सदैव अंकित रहेगी बहादुरी’
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में अपने प्राण न्योछावर कर देने वाले 20 सैनिकों को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी। सेना ने चीन के साथ घातक झड़पों की पहली बरसी पर कहा कि जवानों का अत्यधिक ऊंचाई वाले ‘सबसे कठिन’ इलाके में दुश्मन से लड़ते हुए दिया गया यह सर्वोच्च बलिदान राष्ट्र की स्मृति में ‘सदैव अंकित’ रहेगा। सेना की लेह स्थित 14 कोर ने भी हिंसक झड़पों की पहली बरसी पर ‘गलवान में शहीद हुए बहादुरों’ को श्रद्धांजलि दी। इस कोर को ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के नाम से जाना जाता है। सेना ने कहा, ‘20 भारतीय सैनिकों ने अप्रत्याशित चीनी आक्रमण का सामना करते हुए हमारी भूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए और पीएलए (जनमुक्ति सेना) को भारी नुकसान पहुंचाया।’