नयी दिल्ली, 16 अक्तूबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर उस लंबित जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया है जिसमें दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की गयी है। यह याचिका तब दायर की गयी है, जब एक दिन पहले सिंघू सीमा पर किसान प्रदर्शन स्थल पर एक व्यक्ति का शव मिला जिसका एक हाथ कटा हुआ था। पंजाब के तरनतारन के रहने वाले लखबीर सिंह (35) का शव किसानों के एक प्रदर्शन स्थल के समीप पुलिस के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला। उसके शरीर पर धारदार हथियारों से 10 घाव के निशान थे और इस घटना के लिए निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
घटना का जिक्र करते हुए एक नयी याचिका दायर की गयी है जिसमें इस साल मार्च से लंबित जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है, ‘भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी जीने के अधिकार से ऊपर नहीं हो सकती और अगर इस प्रदर्शन को इस तरह चलते रहने दिया गया तो देश को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा।’ स्वाति गोयल और संजीव नेवार ने वकील शशांक शेखर झा के जरिए अपनी लंबित जनहित याचिका में यह अंतरिम अर्जी दायर की। वकील ने कहा, ‘एक दलित व्यक्ति की हत्या और शव क्षत-विक्षत किए जाने की घटना के बाद मैंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए अर्जी दायर की है। प्रदर्शनों के नाम पर एक महिला के बलात्कार और एक दलित व्यक्ति की हत्या तथा शव क्षत-विक्षत करने समेत मानवता विरोधी गतिविधियां हो रही हैं। इसे जारी रखने नहीं दिया जा सकता।’
केंद्र से भी किया अनुरोध
प्रदर्शनरत किसानों को हटाने के अलावा याचिका में केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी तरह के प्रदर्शन रोकने और महामारी खत्म होने तक उनकी अनुमति न देने को लेकर दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।