मुंबई, 14 अक्तूबर (एजेंसी)
बंबई हाईकोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे को बृहस्पतिवार को धनशोधन के मामले में अग्रिम जमानत दे दी। उनके खिलाफ वर्ष 2016 में पुणे में भूमि सौदे के दौरान कथित धनशोधन करने का आरोप है। जस्टिस एन डब्ल्यू सांब्रे की एकल पीठ ने इसके साथ ही मंदाकिनी खडसे को 17 अक्तूबर से 29 नवंबर तक हर मंगलवार और शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। मंदाकिनी के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि उनकी मुवक्किल 21 अक्तूबर को पीएमएलए (धनशोधन निषेध अधिनियम) अदालत के समक्ष पेश होंगी ताकि गत मंगलवार (12 अक्टूबर) को जारी गैर जमानती वारंट की अनुपालना हो सके। अदालत ने प्रवर्तन निदेशाल को 29 नवंबर तक मंदाकिनी की अग्रिम जमानत की याचिका पर जवाब दाखिल करे। इस मामले की उसी दिन आगे सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि समन के बावजूद पेश नहीं होने पर विशेष अदालत ने मंदाकिनी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। खडसे दंपति के आलावा उनका दामाद गिरिश चौधरी का नाम भी प्राथमिकी में है और मौजूदा समय में वह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी का आरोप है कि चौधरी और खडसे ने पुणे के नजदीक भोसरी में 3.75 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी जबकि उसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपये थी। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि खडसे ने उस समय राज्य के राजस्व मंत्री रहते हुए इस लेन देन के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। खडसे ने यह जमीन खरीद विवाद सामने आने के बाद जून 2016 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह अक्टूबर 2020 में भाजपा से इस्तीफा देकर राकांपा में शामिल हो गए।