नयी दिल्ली, 7 दिसंबर (प्रेट्र)
सेना ने नागालैंड गोलीबारी की घटना में मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी की अध्यक्षता में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस घटना में 14 नागरिक मारे गए थे। सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘दुखद’ बताते हुए कहा कि असफल ऑपरेशन संभवतः गलत खुफिया जानकारी का परिणाम था।
सूत्रों ने कहा कि मेजर जनरल रैंक का एक अधिकारी शनिवार शाम राज्य के मोन जिले में हुए 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के ऑपरेशन की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहा कि जांच ‘खुफिया’ और ‘परिस्थितियों’ पर केंद्रित होगी, जिन पर शनिवार का ऑपरेशन आधारित था। लेफ्टिनेंट जनरल अशोक मेहता (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह जाहिर तौर पर खुफिया जानकारी में गड़बड़ी है। मुझे ऐसा लगता है।’ उन्होंने कहा, ‘इसके बाद जो हुआ वह और भी दुखद है। ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि उन्होंने कमांडो को घेर लिया और जाहिर तौर पर उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और आत्मरक्षा में उन्हें उन पर गोलियां चलानी पड़ीं।’ उन्होंने कहा कि उनकी राय में पूर्वोत्तर में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई थी।