कोहिमा, 6 दिसंबर (एजेंसी)
सेना की कथित गोलीबारी से 14 लोगों की मौत की घटना पर नगालैंड पुलिस ने सोमवार को सेना की 21वीं पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया। प्राथमिकी स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज की गयी है। शिकायत में जिले के तिजिट पुलिस थाने ने कहा है कि घटना के समय कोई पुलिस गाइड नहीं था और न ही सुरक्षा बलों ने गाइड की मांग की थी, इसलिए यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना था।
शिकायत के अनुसार, ‘4 दिसंबर को करीब साढ़े 3 बजे कोयला खदान के मजदूर एक वाहन से तिरु से अपने पैतृक गांव ओटिंग लौट रहे थे। ऊपरी तिरु और ओटिंग के बीच लोंगखाओ पहुंचने पर, सुरक्षा बलों ने बिना किसी उकसावे के वाहन पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप कई ग्रामीणों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।’ अधिकारियों ने बताया कि 28 घायलों में से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इस बीच, आदिवासी संगठनों, नागरिक संस्थाओं और छात्र संगठनों ने सोमवार को राज्य में बंद आहूत किया। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो गोलीबारी में मारे गये 14 लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (आफस्पा) को निरस्त करने की मांग की।
उत्तराखंड का था शहीद जवान
नयी टिहरी (एजेंसी) : नगालैंड में मजदूरों पर गलत पहचान की वजह से शनिवार को सुरक्षाबलों द्वारा की गयी कथित गोलीबारी के बाद भड़की हिंसा में शहीद हुआ सैनिक उत्तराखंड का रहने वाला था। टिहरी जिले के नौली गांव के निवासी गौतम लाल पैराट्रूपर थे। पांच भाइयों में सबसे छोटे गौतम 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता रमेश लाल और भाई सुरेश ने बताया कि सेना ने रविवार को उनके घायल होने की सूचना दी थी।
सरकार ने संसद में जताया खेद
नयी दिल्ली (एजेंसी) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नगालैंड की घटना पर सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया। शाह ने कहा कि भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है। उन्होंने कहा कि इस घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करनी है। सेना द्वारा भी उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है और कानून के अनुसार समुचित कार्रवाई की जाएगी। एहतियात के तौर पर राज्य के अधिकारियों ने इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की है। गृह मंत्री ने कहा, ‘सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय इस तरह की किसी घटना की दुर्भाग्यपूर्ण पुनरावृत्ति नहीं हो।’ गृह मंत्री के बयान से असंतोष जताते हुए कांग्रेस, द्रमुक और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा से वॉकआउट किया, वहीं राज्यसभा में उनके बयान के दौरान विपक्षी सदस्य 12 निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर हंगामा करते रहे।