नयी दिल्ली, 1 मई (एजेंसी)
वाम दलों ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कोविड महामारी से निपटने की तैयारी में समय बर्बाद करने का आरोप लगाया। वाम दलों ने कहा कि अगर सरकार काम नहीं करती है तब वह सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो देगी। माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि भारत आजादी के बाद सबसे गंभीर मानवीय स्वास्थ्य संकट की चपेट में है। इसमें कहा गया है, ‘सबसे खराब स्थिति यह है कि महामारी की विपदा गहरा रही है। केंद्र सरकार को युद्ध स्तर पर महामारी से निपटने, लोगों के जीवन एवं आजीविका की सुरक्षा के उपाय करने की जरूरत है।’
वामदलों ने इस संबंध में कई उपाय सुझाए और मांग की कि सभी अस्पतालों एवं जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने सरकार से पूरे देश में ‘नि:शुल्क सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम’ शुरू करने की मांग की। वामदलों ने अपने बयान में कहा, ‘35,000 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन को खर्च करें, पीएम केयर्स फंड में एकत्र राशि जारी करें और 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत निर्माण रोकें एवं इस राशि को टीका खरीदने में उपयोग करें।’ बयान में कहा गया है कि सभी सक्षम संयंत्रों के जरिये टीका और जीवन रक्षक दवाओं के उत्पादन करने के लिये अनिवार्य लाइसेंस की व्यवस्था लागू करें। इसके अलावा सरकार से गैर आयकर भुगतान करने वाले वर्ग के परिवारों को सीधे 7500 रुपये हस्तांतरित करने एवं जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज देने को कहा।