नयी दिल्ली 13 अगस्त (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को करदाता चार्टर जारी करने की घोषणा करते हुए कहा कि भारत इस प्रकार का चार्टर अपनाने वाले दुनिया के कुछ गिने चुने देशों में आ गया है। उन्होंने कहा कि यह देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है इसमें करदाताओं और कर विभाग के कर्तव्यों और अधिकारों का संतुलन बिठाया गया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये ‘पारदशी कराधान- ईमानदार का सम्मान’ मंच के उद्घाटन के मौके पर यह घोषणा करते हुये कि ‘इस चार्टर में करदाताओं के साथ उचित, विनम्र एवं तर्कसंगत व्यवहार का वचन दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी कर व्यवस्था गुलामी के दौर की थी। आजादी के बाद यह विकसित हुई। इसमें यदाकदा सुधार किए गए पर इसका मूल चरित्र पहले जैसा बना रहा जिसमें करदाता और कर विभाग के बीच रिश्ता शक वाला था। मोदी ने कहा कि कर लेना और देना यह अधिकार भी है और दायित्व भी है। करदाता राष्ट्र निर्माण में योगदान करता है, उसके कर से देश का विकास होता है। सरकार करदाताओं के लिए उसी पैसे से बुनियादी सुविधाएं विकसित करती है। करदाता चार्टर में कर अधिकारी करदाता पर विश्वास करेंगे और किसी पर बिना वजह शक नहीं करेंगे। जहां शक होगा वहां अपील की छूट होगी। मोदी ने कहा कि अधिकार के साथ दायित्व जुड़ा होता है। कर देना और कर लेना दोनों ही जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह करदाता की पाई-पाई का सदुपयोग करे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 6 साल में देश में कर प्रशासन में संचालन का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है। ‘‘देशवासियों पर भरोसा, इस सोच का प्रभाव कैसे जमीन पर नजर आता है, ये समझना भी बहुत जरूरी है। वर्ष 2012-13 में जितने रिटर्न दाखिल होते थे, उसमें से 0.94 प्रतिशत की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 प्रतिशत पर आ गया है। यानि कर मामलों की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है। कर रिटर्न की स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस मंच में करदाताओं और अधिकारियो के बीच बिना आमना सामना (फेसलेस) आकलन, अपील करने और करदाता चार्टर जैसे बड़े सुधारों को आगे बढ़ाया गया है। फेसलेस आकलन और करदाता चार्टर आज से लागू हो गये हैं जबकि फेसलेस अपील की सुविधा 25 दिसंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।’ मोदी ने कहा, ‘अब हाईकोर्ट में मामलों को ले जाने के लिये 1 करोड़ रुपए तक के और सुप्रीमकोर्ट में 2 करोड़ रुपए तक की सीमा तय की गई है। ‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं।’ उन्होंने कहा,‘प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में कर की दर भी कम की गयी है। 5 लाख रुपए की आय पर अब कर शून्य है। बाकी स्लैब में भी कर कम हुआ है।
‘130 करोड़ की आबादी वाले देश में मात्र डेढ़ करोड़ देते हैं टैक्स’
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने कर प्रणाली को पारदर्शी और सरल बनाने के तमाम कदम उठाए है। पिछले 6 साल में रिटर्न भरने वालों की संख्या ढाई करोड़ बढ़ी है। पर प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद जाताया कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश में मात्र डेढ़ करोड़ लोग आयकर देते हैं। उन्होंने कहा कि यह संख्या बहुत कम है। इस पर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।