नयी दिल्ली, 9 जून (एजेंसी) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महंगाई को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न तो देश से वफ़ादारी निभाई, न ही जनता से। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘वफ़ादारी और अदाकारी में फर्क है। मोदी सरकार ने न तो देश से वफ़ादारी निभाई, न ही जनता से। मैं बात कर रहा हूं महंगाई की। अगर आपको लग रहा है कि महंगाई आगे चल कर कम हो जाएगी, तो आप ग़लतफहमी में हैं। आने वाले दिनों में मोदी सरकार के नए प्रहार के लिए तैयार हो जाइए।’ राहुल गांधी ने कहा, ‘आरबीआई ने रेपो रेट में 0.5 प्रतिशत का इज़ाफ़ा किया है, जो अब बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गया है। आरबीआई के अनुसार 2022-23 में महंगाई और ज़्यादा बढ़ने वाली है, वहीं खुदरा महंगाई 6.7 प्रतिशत रहने वाली है।’ उन्होंने दावा किया, ‘सरकार की गलत आर्थिक नीतियों ने आम जनता पर महंगाई का ऐसा बोझ डाला है कि अब लोगों के बर्दाश्त से बाहर हो रहा है। होम, ऑटो, पर्सनल लोन और मासिक किस्त महंगी होंगी।’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा लोग कहां जाएं और अपना परिवार कैसे पालें?’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।