मिल्कीपुर : मजबूत कैडर से भाजपा ने 8 माह में ही बदले समीकरण
जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाते हुए अयोध्या का बदला ले लिया के नारे लगाए
लखनऊ, 9 फरवरी (एजेंसी)
भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा की शानदार जीत ने कई नये प्रतिमान गढ़े हैं। भाजपा की जीत ने इस बात को रेखांकित किया कि जून 2024 में सपा से फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर मिली शर्मनाक हार के 8 महीने में ही भाजपा ने जमीनी स्तर पर मजबूत कैडर प्रबंधन और चतुराईपूर्ण प्रचार अभियान से समीकरण अपने पक्ष में कर लिए। अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही जैसे भाजपा के दिग्गज नेताओं ने इस बड़ी जीत को स्वप्रेरित सुधार के रूप में पेश किया। जीत के बाद भाजपा के उत्साही कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाते हुए नारे लगाए कि अयोध्या का बदला ले लिया। लोकसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट जीतकर भाजपा के तत्कालीन सांसद लल्लू सिंह को हैट्रिक लगाने से रोक दिया था। इसका देशव्यापी असर हुआ था।
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान (38) ने अवधेश प्रसाद के बेटे और सपा नेता अजीत प्रसाद (42) को 61,710 मतों से हराया। भाजपा और सपा दोनों ने ही क्षेत्र की एक प्रमुख दलित उपजाति पासी को उम्मीदवार बनाया था। वैसे भी फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में मिली हार की भरपाई के लिए भाजपा बेताब थी। ये स्पष्ट था कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के 5 महीने बाद ही एक गढ़ खोने के झटके के अलावा, पार्टी विपक्ष के इस आरोप को भी कुंद करना चाहती थी कि भाजपा एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण खत्म करना चाहती है।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए भाजपा की बेताबी इस तथ्य से भी उपजी है कि विपक्षी सपा ने फैजाबाद की जीत का प्रदर्शन अपने सांसद अवधेश प्रसाद को पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ लोकसभा की अग्रिम पंक्ति में बैठाकर किया था, जो इस सीट को जीतने वाले पहले दलित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बड़ी-बड़ी रैलियां कीं और सीधे उपचुनाव की निगरानी की, जबकि उनके आधा दर्जन से अधिक मंत्री कई सांसदों और पार्टी नेताओं के साथ वहां मौजूद रहे, जिन्होंने घर-घर जाकर प्रचार किया। भाजपा नेता चंद्रभानु ने अपनी जीत पर कहा कि मिल्कीपुर में हमारी जीत का अंतर 2024 में फैजाबाद में सपा की जीत से अधिक है। इससे पता चलता है कि लोगों को भाजपा नेतृत्व पर कितना भरोसा है। उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने दावा किया कि उन्होंने मिल्कीपुर में प्रचार किया, जहां लगभग 38,000 मुसलमान हैं। मुसलमानों में से कई ने डबल इंजन सरकार की नीतियों के कारण हमारा समर्थन भी किया।शनिवार को मतगणना के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में मायावती ने तंज किया कि सपा अक्सर अपनी हार के लिए बसपा को दोषी ठहराती थी, लेकिन बसपा ने मिल्कीपुर में चुनाव नहीं लड़ा। फिर सपा को इतनी बुरी हार क्यों झेलनी पड़ी? उधर, सपा ने धांधली, घोर अनियमितताओं का आरोप लगाया।

