नयी दिल्ली, 11 सितंबर (एजेंसी)
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मार्कशीट छात्रों के लिए ‘दबाव शीट’ और परिवारों के लिए ‘प्रतिष्ठा शीट’ बन गई है, पढ़ाई से मिल रहे इस तनाव से अपने बच्चों को बाहर निकालना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि हमारा काम तो अभी शुरू हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समान रूप से प्रभावी ढंग से लागू करना होगा। प्रधानमंत्री ‘21वीं सदी में स्कूली शिक्षा’ विषय पर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक हमारे देश में अंक तथा अंकपत्र आधारित शिक्षा व्यवस्था हावी थी। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा में आसान और नये-नये तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा। बच्चों के लिए नये दौर के अध्ययन का मूलमंत्र भागीदारी, खोज, अनुभव, अभिव्यक्ति तथा उत्कृष्टता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, इसमें अन्वेषण, गतिविधियों और मनोरंजक तरीकों की मदद से सीखने पर जोर दिया गया है। कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के संबंध में देशभर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे थे, एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति से नये युग के निर्माण के बीज पड़े हैं, यह 21वीं सदी के भारत को नयी दिशा प्रदान करेगी।