नयी दिल्ली, 21 जून (एजेंसी)
सीबीएसई और सीआईसीएसई ने कहा है कि उन्होंने 12 वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन की अपनी-अपनी योजनाओं में संशोधन करके आपत्ति दर्ज कराने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक विवाद निवारण तंत्र बनाया है। सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को सीबीएसई ने बताया कि नतीजों के कंप्यूटेशन (गणना) से जुड़े विवाद बोर्ड द्वारा गठित समिति के पास भेजे जाएंगे। एक और भी संशोधन किया गया है ताकि नतीजों की घोषणा के बाद, यदि कोई अभ्यर्थी अपने नतीजों से संतुष्ट नहीं होगा, तब बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने को लेकर ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराएगा। बोर्ड ने कहा कि उसने शीर्ष न्यायालय द्वारा इस संदर्भ में 17 जून को जारी निर्देश का अनुपालन किया है।
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने सीबीएसई से कहा था कि यदि नतीजों में सुधार के लिए कोई छात्र आवेदन करता है तो उस स्थिति के लिए एक विवाद निवारण तंत्र गठित किया जाए। सीबीएसई ने हलफनामे में कहा, ‘परीक्षाएं आयोजित करने के लिए जब स्थिति उपयुक्त होगी तब सिर्फ मुख्य विषयों में ही बोर्ड द्वारा परीक्षा ली जाएगी। हालांकि, इस परीक्षा में ऐसे किसी अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त किये गये अंक को अंतिम माना जाएगा, जिसने इस परीक्षा में बैठने का विकल्प चुना होगा।’ योजना के मुताबिक 12वीं कक्षा की परीक्षा के नतीजे 31 जुलाई तक घोषित कर दिये जाएंगे। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक एस भारद्वाज द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है, ‘…ऐसे अभ्यर्थियों के लिए परीक्षाएं 15 अगस्त 2021 से 15 सितंबर 2021 के बीच कभी भी आयोजित की जा सकती हैं, जो उपयुक्त माहौल पर निर्भर करेगा। निजी अभ्यर्थियों या दूसरी बार पूरक परीक्षाएं देने वाले छात्रों की परीक्षाएं भी इसी अवधि में होंगी, जो उपयुक्त माहौल पर निर्भर करेगा।’
सीआईएससीई ने हलफनामे में कहा कि उसने निर्देश का अनुपालन करके मूल्यांकन योजना में संशोधन किया है। ‘यदि किसी छात्र को नतीजों में अंकों की गणना में आपत्ति होगी, तो वह अपने स्कूल को कारणों का विवरण देते हुए लिखित आवेदन दे सकता है। स्कूल के प्राचार्य आवेदन पर विचार करेंगे और उसमें दी गई दलील पर सहमत होने पर उसे सीआईएससीई के पास भेज देंगे।’
मूल्यांकन फार्मूले पर जवाब तलब, सुनवाई आज
नयी दिल्ली (एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और सीआईसीएसई को सोमवार को निर्देश दिया कि वे 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए तैयार किए गए फार्मूले पर कुछ छात्रों और अभिभावकों द्वारा उठाई गई चिंताओं को लेकर जवाब दें। अभिभावकों के एक संघ और छात्रों ने मूल्यांकन संबंधी सीबीएसई और आईसीएसई की योजनाओं पर कहा है कि इसके कई उपनियम मनमाने हैं और वे छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। विशेष पीठ ने कहा कि वह हस्तक्षेप करने वालों की चिंताओं पर सीबीएसई और आईसीएसई के वकीलों द्वारा दिए जवाब पर मंगलवार को सुनवाई करेगी। पीठ ने रजिस्ट्री को इस मामले में उन सभी लंबित याचिकाओं को मंगलवार, 22 जून को सूचीबद्ध करने का भी निर्देश दिया। उत्तर प्रदेश अभिभावक संघ, लखनऊ ने कहा कि मूल्यांकन की योजना से अनिश्चितता बढ़ रही है। एकरूपता भी नहीं, क्योंकि सीआईएससीई योजना में औसत अंकों की गणना के लिए अंग्रेजी अनिवार्य है, जबकि सीबीएसई में ऐसा नहीं है और सर्वाधिक अंक वाले 3 विषयों को शामिल किया गया है।