पंचकूला, 1 दिसंबर(ट्रिन्यू)
बहुचर्चित मानेसर जमीन घोटाला मामले की मंगलवार को यहां विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य आरोपी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये और अन्य आरोपी प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में हुए पेश हुये। आज इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 5 और नये आरोपियों को समन जारी किये। इनमें आज इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 5 नये आरोपियों को समन किया जारी। इनमें गृह सचिव राजीव अरोड़ा, पूर्व आईएएस अधिकारी डीआर ढींगरा, सुरजीत सिंह, धारय सिंह और कुलवंत सिंह लांबा शामिल हैं।
वहीं, आरोपी एमएल तायल, जसवंत सिंह और सुदीप ढिल्लों द्वारा दायर की गई डिस्चार्ज की अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। पांच नये आरोपी जुड़ने से अब कुल आरोपी 39 हो गये हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुरुग्राम जिले में मानसेर, नौरंगपुर व लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण के नोटिस जारी करके डर पैदा किया। इसके चलते किसानों ने बिल्डरों को जमीन बेची। जब बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीद ली तो जमीन को रिलीज कर दिया। करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। हरियाणा में सत्ता बदलने के बाद पहली बार सत्ता में आई भाजपा सरकार ने साल 2015 में मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था।
मामले में हुड्डा के पूर्व प्रधान सचिव एमएल तायल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पूर्व मुख्य प्रशासक एसएस ढिल्लों, संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य पूर्व आईएएस अफसर छतर सिंह, पूर्व डीटीपी जसवंत, एबीडब्ल्यू बिल्डर्र्स अतुल बंसल सहित कई बिल्डरों का नाम आया था। सीबीआई ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इसी मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।