अहमदाबाद, 2 दिसंबर (एजेंसी)
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह मास्क पहनने के नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के अलावा कोविड-19 देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा करने को अनिवार्य बनाए। चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेबी पर्दीवाला की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि नियम का उल्लंघन करने वालों को कोविड-19 देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा के लिए भेजा जाए। समुदायिक सेवा के तहत साफ-सफाई जैसे गैर चिकित्सकीय काम में उन्हें लगाया जा सकता है। उल्लंघन करने वालों को पांच से 15 दिन तक रोजाना 4 से 6 घंटे के लिए भेजा जा सकता है। अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में मास्क पहनने के नियम का उल्लंघन करने वालों के लिए कोविड-19 देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा को अनिवार्य करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने कहा कि लोगों द्वारा मास्क नहीं लगाने, उचित दूरी का पालन नहीं करने के कारण कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह तथ्य साबित हो चुका है कि वायरस के खिलाफ मास्क पहनना कारगर उपाय है। पीठ ने कहा कि यह ऐसा समय है कि लोग मास्क पहनने की आदत डाल लें। अदालत ने कहा, ‘हमारी राय है कि राज्य को एक नीति या आदेश जारी करना चाहिए जिसमें मास्क नहीं पहनने पर सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया जाए और उल्लंघन की प्रकृति के आधार पर उनकी सेवा निर्धारित की जा सकती है।’