मुंबई, 26 फरवरी (एजेंसी)
अहमदाबाद के सरदार पटेल क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘प्रचंड बहुमत का मतलब बेपरवाह बर्ताव करने का लाइसेंस नहीं’ है। शिवसेना ने कहा कि पिछले 5 साल में आरोप लगाए गए कि कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार ने इतिहास से सरदार वल्लभ भाई पटेल का नामोनिशान मिटाने का प्रयास किया, लेकिन स्टेडियम का नाम बदले जाने से यह जाहिर हो गया है कि असल में कौन ऐसा प्रयास कर रहा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ‘ऐसा लगता है कि मोदी-शाह (नरेंद्र मोदी-अमित शाह) सरकार गुजरात में हर बड़ा काम करना चाहती है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि वे भूल गये हैं कि वे देश का नेतृत्व कर रहे हैं…अहमदाबाद (गुजरात) में मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया। अब तक मेलबर्न (आस्ट्रेलिया) स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम था। अब मोदी के नाम वाला यह स्टेडियम सबसे बड़ा होगा।’ संपादकीय में कहा गया, ‘इस कदम की आलोचना क्यों हो रही है ? इसलिए कि पहले मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखा गया था और अब इसका नाम मोदी के नाम पर रख दिया गया है।’ ‘सामना’ में कहा गया है, ‘नि:संदेह मोदी महान नेता हैं, लेकिन यदि उनके अंधभक्तों को लगता है कि वह महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल या इंदिरा गांधी से भी महान हैं, तो इसे अंधभक्ति में एक और मुकाम मानना चाहिए।’