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हरियाणा में प्राइवेट स्कूल बसों पर बड़ा एक्शन, 25 हजार से ज्यादा बसों की जांच, 5200 मिलीं अनफिट

DGP ओपी सिंह बोले, नियम तोड़े तो बस सीधे इम्पाउंड होगी
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हरियाणा में स्कूल बसों की मॉनिटरिंग अब कागजों में नहीं, बल्कि सीधे सड़कों पर दिखाई दे रही है। लंबे समय से मिल रही शिकायतों, सोशल मीडिया पर उठ रही आवाजों और लगातार सामने आ रही घटनाओं के बाद राज्य पुलिस ने स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक जांच शुरू की, जिसने एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने रख दी।

हरियाणा की सड़कों पर दौड़ रही 25 हजार से अधिक स्कूल बसों में से 5200 सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरीं। कई बसें बिना फिटनेस, बिना जीपीएस, बिना फायर एक्सटिंग्विशर और कई मामलों में बिना प्रशिक्षित ड्राइवरों के बच्चों को लेकर चल रही थीं। इन हालात में हरियाणा पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि अब समझाओ या चेतावनी देकर छोड़ दो वाली नीति खत्म हो चुकी है।

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हरियाणा पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि हालिया जांच सिर्फ औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसे मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। तीन नवंबर से दस नवंबर के बीच चलाए गए विशेष अभियान में पांच हजार पांच सौ सोलह बसों की जांच की गई और एक हजार तीन बसों के चालान किए गए। इसी अवधि में सिरसा और डबवाली में मिली चार बसों को मौके पर ही जब्त कर लिया गया। इससे पहले जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच की गई जांच में 19 हजार दो सौ अड़सठ बसों में से चार हजार दो सौ पांच नियम तोड़ती पाई गईं।

सूत्रों के अनुसार यह चेकिंग अब रुकने वाली नहीं है। अभियान को निरंतर निगरानी व्यवस्था में बदला जा रहा है। जिलों को निर्देश हैं कि स्कूल बसों का डेटा नियमित रूप से अपडेट रखें और दस्तावेजों का समय पर सत्यापन करें। हरियाणा में पहली बार स्कूल परिवहन को लेकर इतना व्यापक, सख्त और परिणाम आधारित एक्शन देखने को मिल रहा है। संदेश साफ है कि बसें चलेंगी, लेकिन नियमों के साथ। बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है और अब कानून कागज पर ही नहीं, सड़क पर भी दिखाई देगा।

किन जिलों में मिले सबसे अधिक उल्लंघन

गुरुग्राम, पंचकूला, सोनीपत, सिरसा, जींद, फरीदाबाद और पलवल में सबसे ज्यादा अनियमितताएं सामने आईं। अकेले गुरुग्राम में जनवरी से अक्तूबर के दौरान हुई जांच में पांच हजार नौ सौ चौरासी बसों में से एक हजार आठ सौ इक्यावन बसें नियमों को तोड़ती हुई मिलीं। बाकी जिलों में भी स्थिति चिंताजनक है। सबसे कम उल्लंघन रेवाड़ी में दो, डबवाली में नौ और चरखी दादरी में छह बसों में दर्ज किए गए। सिरसा और डबवाली में हालात इतने खराब मिले कि पुलिस ने मौके पर ही चार बसें इम्पाउंड कर दीं। कई बसों में सुरक्षा उपकरण तक नहीं लगे थे और वे स्कूल बसों के लिए तय राष्ट्रीय मानकों पर भी खरी नहीं उतरती थीं।

DGP ने दिए सख्त आदेश

हरियाणा पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट के माध्यम से स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाली स्कूल बसों को तुरंत इम्पाउंड किया जाए। उन्होंने लिखा कि असुरक्षित बसों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बच्चों की सुरक्षा के साथ समझौता अस्वीकार्य है। उनकी यह पोस्ट सीधे चेतावनी मानी जा रही है और इसे स्कूलों, बस ऑपरेटरों तथा प्रशासनिक स्तर पर एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि अब कोई नरमी नहीं मिलेगी।

स्कूल बस में क्या-क्या होना जरूरी

नियमों के अनुसार हर स्कूल बस में होना जरूरी है

• वैध फिटनेस सर्टिफिकेट

• जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम

• फायर एक्सटिंग्विशर

• फर्स्ट एड बॉक्स

• कैमरा जहां लागू हो

• आपातकालीन निकास

• प्रशिक्षित चालक और परिचालक

• सीट बेल्ट और स्कूल बस के लिए निर्धारित पहचान मार्किंग। इनमें से किसी भी बिंदु का पालन नहीं होने पर चालान, बस इम्पाउंड और कानूनी कार्रवाई तय है।

अभिभावकों को भी दी गई जिम्मेदारी

हरियाणा पुलिस ने केवल स्कूलों और बस मालिकों के प्रति ही निर्देश जारी नहीं किए हैं, बल्कि अभिभावकों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि अभिभावक अपने बच्चे की बस की स्थिति जानें, सवाल पूछें और गड़बड़ी दिखने पर तुरंत पुलिस या जिला प्रशासन को सूचित करें। सरकार चाहती है कि यह अभियान सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं बल्कि सामुदायिक जागरूकता का हिस्सा बने।

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