चंडीगढ़, 23 सितंबर (ट्रिन्यू/ एजेंसी)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के प्रमुख एवं खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की चंडीगढ़ और अमृतसर में संपत्तियां जब्त कर लीं। मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत के आदेश पर यह कार्रवाई की गयी।
जब्त की गई संपत्तियों में अमृतसर के खानकोट गांव में 46 कनाल (5.7 एकड़) कृषि भूमि और चंडीगढ़ के सेक्टर-15सी स्थित कोठी नंबर 2033 का एक-चौथाई हिस्सा शामिल है। एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक ये संपत्तियां पहले दो अलग-अलग मामलों में सरकार द्वारा पारित आदेशों के बाद कुर्क की गई थीं। अब इन संपत्तियों को 5 अप्रैल, 2020 को दर्ज एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 33(5) के तहत अदालत के आदेश पर जब्त कर लिया गया है। दोनों जगह ‘संपत्ति जब्त करने संबंधी नोटिस’ लगा दिया गया है।
यह पहली बार है कि एनआईए के किसी फरार आरोपी की संपत्ति यूएपीए की धारा 33(5) के तहत जब्त की गई है।
यह मामला मूल रूप से अमृतसर शहर के सुल्तानविंड पुलिस थाने में दर्ज किया गया था और बाद में एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था। इस मामले में अब तक पन्नू समेत कुल 10 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है। पन्नू 2019 से ही एनआईए के रडार पर है, जब सुरक्षा एजेंसी ने उसके खिलाफ पहला मामला दर्ज किया था। विशेष एनआईए अदालत ने 3 फरवरी, 2021 को पन्नू के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया था और उसे पिछले साल 29 नवंबर को ‘घोषित अपराधी’ घोषित किया गया था।
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि पन्नू का संगठन एसएफजे, भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाने के लिए साइबरस्पेस का दुरुपयोग कर रहा था। पन्नू देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को चुनौती देते हुए पंजाब स्थित गैंगस्टरों और युवाओं को खालिस्तान के लिए लड़ने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से उकसा रहा है।’
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक विवाद के बीच एनआईए ने यह कार्रवाई की है। पन्नू ने पिछले दिनों कनाडा में मौजूद हिंदुओं को देश छोड़कर भारत जाने की धमकी दी थी।