सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 30 नवम्बर
आतंकियों ने एक बार कश्मीर में सेना के जवानों पर आतंकी हमले के दौरान बाडी कैमरे का इस्तेमाल करते हुए रिकार्डिंग की और उसे सार्वजनिक कर दिया। ऐसा करने के पीछे का उनका मकसद नए युवकों को आतंकवाद की ओर आकर्षित करना है तथा साथ ही वे भर्ती किए जाने वाले नए रंगरूटों में जोश भरना चाहते हैं।
याद रहे श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके खुशीपोरा में 26 नवंबर को सेना पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी कश्मीर घाटी में सामने आए नए आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने आतंकी हमले का एक वीडियो शनिवार को वायरल किया। इस हमले में सेना के 2 जवान शहीद हुए थे। वायरल एक मिनट 52 सेकंड के वीडियो को आतंकी के बाडी कैमरे से शूट किया गया था जिससे यह पता चलता था कि आतंकियों ने एकदम नजदीक से जवानों पर गोलियां चलाईं।
वीडियो में एक हमलावर फायरिंग करता भी दिख रहा है और दूसरे आतंकी को कश्मीरी भाषा में कवर फायर देने के लिए कह रहा है। इससे यह पता चल रहा था कि हमलावर कश्मीरी थे। दोनों जवानों को आतंकियों ने एकदम नजदीक से गोली मारी और फरार हो गए। वीडियो में जो हथियार दिखाए गए हैं वह अक्सर जैश आतंकियों द्वारा प्रयोग में लाए जाते हैं। 4 महीनों में यह दूसरा अवसर था जबकि आतंकियों ने सेना के जवानों पर इतने करीब से हमला कर उनकी हत्या करने के साथ ही बाडी कैमरों का इस्तेमाल कर हमलों की रिकार्डिंग भी की थी। इससे पहले 20 अगस्त को बारामूला के करीरी में हुए ऐसे ही हमले की रिकार्डिंग वायरल की गई थी। तब 17 अगस्त को किए गए हमले में तीन जवान शहीद हो गए थे। सूत्रों की मानें तो अब जैश, लश्कर और अल बदर के आतंकी मिलकर काम कर रहे हैं और सभी को बाडी कैमरे दिये गए हैं जिससे वह हमले की रिकार्डिंग कर सकें। पुलिस ने करीरी व ताजा वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास है। हम कभी भी आतंकियों को हीरो नहीं बनने देंगे।