नयी दिल्ली, 30 जनवरी (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बाॅम्बे हाईकोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति पुष्पा वीरेंद्र गनेडीवाला की स्थायी न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के प्रस्ताव की मंजूरी वापस ले ली है। एक सूत्र ने बताया कि पॉक्सो कानून के तहत यौन हमले की उनकी व्याख्या पर हुई आलोचनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है। जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने 12 वर्षीय एक लड़की के वक्षस्थल को छूने के आरोपी व्यक्ति को पिछले दिनों बरी कर दिया था और कहा था कि आरोपी ने त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं किया था। इससे कुछ दिन पहले उन्होंने व्यवस्था दी थी कि 5 साल की लड़की के हाथों को पकड़ना और ट्राउजर की जिप खोलना पॉक्सो कानून के तहत ‘यौन अपराध’ नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की इस दलील के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर 27 जनवरी को रोक लगा दी थी कि इस फैसले से खतरनाक नजीर बन जाएगी।
इससे पहले सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 20 जनवरी को जस्टिस गनेडीवाला को स्थायी न्यायाधीश बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी।