नयी दिल्ली, 22 जनवरी (एजेंसी)
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ एवं सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराई जानी चाहिए। सीडब्ल्यूसी की बैठक में व्हाट्सएप बातचीत मामले, कृषि कानूनों और कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के मुद्दों को लेकर तीन अलग-अलग प्रस्ताव पारित किए गए। कांग्रेस कार्य समिति ने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और कोरोना वायरस के टीके लगवा रहे स्वास्थ्यकर्मियों की चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक उपाय करने एवं टीके के नाम पर ‘मुनाफाखोरी’ किसी भी प्रयास को रोकने का आग्रह किया। व्हाट्सएप बातचीत मामले को लेकर प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस कार्यसमिति देश की सुरक्षा से खिलवाड़ को उजागर करने वाली षडयंत्रकारी बातचीत के हाल में हुए खुलासों पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है। यह स्पष्ट है कि इसमें शामिल लोगों में मोदी सरकार में सर्वोच्च पदों पर आसीन लोग शामिल हैं और इस मामले में महत्वपूर्ण व संवेदनशील सैन्य अभियानों की गोपनीयता का घोर उल्लंघन हुआ है।”
कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई ने दावा किया, ‘‘इस सनसनीखेज खुलासे में सरकारी मामलों की गोपनीयता तथा पूरे सरकारी ढांचे को मिलीभगत से कमजोर करने, सरकारी नीतियों पर बाहरी व अनैतिक तरीके से दबाव बनाने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कुत्सित हमले के अक्षम्य अपराधों की जानकारी प्रथम दृष्टि से सामने आई है।’ उसने कहा, ‘इन खुलासों के कई दिन बाद भी प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी चुप्पी, उनकी मिलीभगत, अपराध में साझेदारी एवं प्रथम दृष्टि से दोषी होने का सबूत है।’ सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘‘हम देश की सुरक्षा से खिलवाड़, सरकारी गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन एवं उच्चतम पदों पर बैठे इसमें शामिल लोगों की भूमिका की तय समय सीमा में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जाँच कराए जाने की मांग करते हैं। जो लोग राजद्रोह के दोषी हैं, उन्हें कानून के सामने लाया जाना चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए।”