हरीश लखेड़ा/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 31 अगस्त
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बाद अब वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव के जनतादल (यू) के पाले में लौट आने की अटकलें शुरू हो गई हैं। अस्पताल से इलाज कराकर घर लौटे यादव को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फोन के बाद इन अटकलों को बल मिला। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जदयू की कोशिश है कि शरद यादव घर वापसी कर लें।
जदयू का मानना है कि इससे राजद के परंपरागत वोट खासतौर पर यादव वोट में सेंध लगाई जा सकती है।
शरद यादव जदयू संस्थापकों में शामिल रहे हैं। वे गुरुग्राम के अस्पताल से इलाज कराकर रविवार को घर लौटे हैं। सूत्रों के अनुसार इस दौरान जदयू के कई नेताओं ने उनसे मुलाकात की और घर वापसी की चर्चा भी की। नीतीश कुमार ने भी यादव को फोन कर उनका हालचाल पूछा। इस फोन को दोनों नेताओं के बीच संबंधों पर जमी धूल को हटाने की पहल के तौर पर भी लिया जा रहा है। हालांकि जदयू नेता केसी त्यागी ने इन अटकलों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि शरद यादव अस्वस्थ चल रहे थे, इसलिए नीतीश कुमार समेत जदयू नेताओं ने हालचाल जानने के लिए उन्हें फोन किया। पटना में जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आधिकारिक तौर पर अभी हमारे पास उनके पार्टी में शामिल होने की जानकारी नहीं है, लेकिन वे महागठबंधन में घुटन महसूस कर रहे हैं। यदि वे ऐसा कोई निर्णय लेते हैं तो चौंकाने वाला नहीं होगा।
शरद यादव अभी यूपीए के साथ हैं। नीतीश कुमार के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने 2018 में जदयू से बगावत कर लोकतांत्रिक जनता दल के नाम से अपनी पार्टी बना ली थी। 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने लालू यादव की राजद के टिकट पर मधेपुरा से लड़ा, लेकिन जदयू के दिनेश्वर यादव से हार गए। इधर, जदयू से बाहर होने पर उनकी राज्यसभा सीट भी चली गई। उनकी पार्टी भी कोई पहचान नहीं बना पाई। अब बिहार चुनाव के मद्देनजर राजद में भी उनको ज्यादा महत्व नहीं मिल रहा, इसीलिए जदयू भी प्रयासरत है।