उधमपुर/जम्मू, 29 सितंबर (हप्र/एजेंसी) जम्मू-कश्मीर के उधमपुर शहर में बस स्टैंड पर खड़ी एक बस में बृहस्पतिवार सुबह विस्फोट हो गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ घंटों के अंतराल में शहर में दो विस्फोट होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने ‘हाई अलर्ट’ घोषित कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह करीब पांच बजकर 40 मिनट पर यह विस्फोट हुआ। किसी के हताहत होने की अभी कोई खबर नहीं है। विस्फोट में वाहन की छत और पीछे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यह घटनाएं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चार अक्तूबर से शुरू होने वाले दौरे से कुछ दिन पहले हुई हैं। उन्हें 30 सितंबर को जम्मू-कश्मीर की तीन दिवसीय यात्रा पर जाना था और एक अक्तूबर को राजौरी में और दो अक्तूबर को बारामूला में जनसभाएं करनी थीं। हालांकि, बाद में यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव किया गया। उधमपुर शहर में कुछ घंटों के भीतर हुआ यह दूसरा विस्फोट है। दोमेल चौक पर एक पेट्रोल पंप के पास खड़ी एक बस में बुधवार रात विस्फोट होने से दो लोग घायल हो गए थे। सूत्रों ने बताया कि जिस बस में दूसरा धमाका हुआ वह उधमपुर जिले के बसंतगढ़ से आई थी और रात में बस स्टैंड पर रुकी थी। इसे सुबह बसंतगढ़ के लिए रवाना होना था। उधमपुर-रियासी (रेंज) के पुलिस महानिरीक्षक सुलेमान चौधरी ने बताया कि विस्फोटों से दो से तीन बसों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, ‘विस्फोटकों की प्रकृति और अन्य चीजों की जांच की जा रही है। इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है।’ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायलों से पूछताछ की गई है और घटना के आतंकवाद से जुड़े होने के पहलू को भी नकारा नहीं जा सकता है। पुलिस ने ‘अलर्ट’ जारी किया है और लोगों से अपने वाहनों का ध्यान रखने को कहा है, ताकि उनमें कुछ भी संदिग्ध होने पर समय पर इसकी जानकारी मिल पाए। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के कर्मियों ने बस स्टैंड को घेर लिया है और वाहन सेवा शुरू करने की अनुमति देने से पहले पूरी तरह से जांच की जा रही है। सुबह विस्फोट होने से पहले बस स्टैंड से निकले सभी वाहनों को भी जांच चौकियों पर रोक कर उनकी तलाशी ली जाएगी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।