लखनऊ/ मेरठ, 22 सितंबर (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने ‘सबसे बड़ा गैर कानूनी धर्मांतरण गिरोह’ संचालित करने के आरोप में मेरठ से इस्लामी विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के वित्तपोषण से चलाये जा रहे इस्लामिक दावा सेंटर में मूक-बधिर छात्रों का अवैध धर्मांतरण के मामले में दिल्ली से 20 जून को मुफ्ती काजीजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद एटीएस इस मामले की जांच कर रही है। अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने दावा किया कि जांच में पता चला है कि उमर गौतम और उसके साथी को ब्रिटेन की एक संस्था अल-फला ट्रस्ट से 57 करोड़ रुपए मिले थे मगर वे उसके खर्च का विवरण नहीं दे सके। जानकारी के अनुसार कलीम सिद्दीकी भी अवैध धर्मांतरण गिरोह में शामिल हैं और विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की आड़ में वह पूरे देश में अवैध रूप से धर्मांतरण का काम कर रहे हैं।
एटीएस ने यह भी पाया है कि सिद्दीकी जामिया इमाम वली-उल्लाह ट्रस्ट के भी संचालक हैं जो सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रमों के नाम पर अवैध धर्मांतरण में लिप्त हैं। जो संगठन उमर गौतम की संस्था को पैसे देते हैं, वे कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को भी धन देते हैं। पता चला है कि ट्रस्ट को बहरीन से अवैध रूप से डेढ़ करोड़ रुपए दिए गए हैं और कुल तीन करोड़ रुपए के वित्तपोषण के सुबूत मिल चुके हैं।