चंडीगढ़, 25 जनवरी (ट्रिन्यू)
जेलों में बंद कैदी और बंदी अब वीडियो कॉल के जरिये अपने परिवार के लोगों से बात कर सकेंगे। उन्हें रोजाना 10 मिनट के लिए यह सुविधा मिलेगी। गुरुग्राम की भौंडसी जिला जेल में यह सुविधा शुरू हुई है। यह सुविधा देने वाली भौंडसी देश की पहली जेल होगी। इतना ही नहीं, फोन व वीडियो कॉल के रेट भी आधे कर दिए गये हैं। सोमवार को इंडिया विजन फाउंडेशन की चेयरपर्सन व पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी तथा हरियाणा के जेल व बिजली मंत्री चौ़ रणजीत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस सुविधा की शुरुआत की। जेलों में चल रहे फॉनिक्स सॉफ्टवेयर के साथ ही इस सुविधा को कनेक्ट किया गया है। प्रदेश के जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह ने इस सुविधा की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश की अन्य जेलों में भी इसे लागू किया जाएगा।
फॉनिक्स सॉफ्टवेयर के तहत ही ऐसा सिस्टम विकसित किया गया है कि एक ही मशीन में आडियो और वीडियो कॉल की सुविधा होगी। इस सुविधा के शुरू होने से जेल में मुलाकात करने आने वालों की संख्या भी कम होगी। वीडियो कॉलिंग के जरिये घर बैठकर ही परिजन कैदी/बंदी से बात कर सकेंगे। परिजनों (खून का रिश्ता) के दो मोबाइल नंबर के अलावा वकील के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही बात हो सकेगी। अभी तक सामान्य कॉल के लिए बंदी/कैदी को एक मिनट का एक रुपया देना होता था लेकिन अब उसे 50 पैसे में यह सुविधा मिलेगी। वहीं वीडियो कॉल के लिए उसे ढाई रुपये प्रति मिनट के हिसाब से देने होंगे। इस सिस्टम को लागू करने में आये खर्चे का बड़ा हिस्सा इंडिया विजन फाउंडेशन की ओर से दिया गया है। कैदियों व बंदियों को रोजाना पांच मिनट अपने घरवालों या वकील से बात करने की छूट थी। इसे बढ़ाकर अब 10 मिनट कर दिया गया है।
इतना ही नहीं, जो बंदी/कैदी गरीब हैं और फोन के पैसे नहीं दे सकते, वे 15 दिन में एक बार 10 मिनट मुफ्त अपने परिजनों या वकील से बात कर सकेंगे। इसी तरह से नये कैदियों/बंदियों को शुरू में तीन बार 10-10 मिनट के लिए मुफ्त फोन या वीडियो कॉल करने की सुविधा जेल प्रशासन द्वारा दी गई है।