नयी दिल्ली,19 मार्च (एजेंसी) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आगाह किया कि महंगाई अभी और बढ़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से देश की जनता को महंगाई से बचाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया।गांधी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले ही कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि ने गरीबों और मध्यम वर्ग को कुचल दिया था। उन्होंने कहा, ‘यह (महंगाई) और बढ़ेगी, क्योंकि कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 100 डॉलर से अधिक है, खाद्य कीमतों में 22 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। कोविड ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है।’ पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि ‘भारत सरकार को अब कार्रवाई करनी चाहिए और लोगों को महंगाई से बचाना चाहिए।’ सरकार ने सोमवार को जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक कच्चे तेल और गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने से खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में आठ महीने के उच्चतम स्तर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई। इस दौरान थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 13.11 प्रतिशत हो गई। यूक्रेन पर 24 फरवरी को रूसी आक्रमण के बाद कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि ने थोक मूल्य सूचकांक पर विपरीत असर डाला है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।