मुंबई, 20 सितंबर (एजेंसी)
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 5.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को कहा कि सरकार के बढ़े हुए पूंजीगत व्यय, घरेलू कंपनियों एवं बैंकों के बही-खातों में कर्ज की कमी, वैश्विक जिंस कीमतों में नरमी और निजी निवेश में तेजी की उम्मीद जैसे कई कारकों की वजह से उसने वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया है।
हालांकि, इंडिया रेटिंग्स ने अगले साल होने वाले आम चुनावों के पहले जीडीपी वृद्धि की राह में कुछ चुनौतियों को लेकर आगाह भी किया है। इनमें वैश्विक वृद्धि दर में गिरावट से भारत के निर्यात में सुस्ती, वित्तीय परिस्थितियों की वजह से पूंजी की लागत बढ़ना और मानसूनी बारिश में कमी के साथ विनिर्माण क्षेत्र की नरमी शामिल हैं। रेटिंग एजेंसी के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘ये सभी जोखिम वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि को प्रभावित और बाधित करना जारी रखेंगे। जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत पर रही वृद्धि दर के अगली तीनों तिमाहियों में सुस्त पड़ने के ही आसार दिख रहे हैं।’
एडीबी ने वृद्धि दर अनुमान में घटाया
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 % से घटाकर 6.3% कर दिया। एडीबी ने कृषि उपज पर प्रतिकूल मानसून के संभावित असर और निर्यात में सुस्ती की वजह से यह अनुमान घटाया है। एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि घरेलू खपत में मजबूती और उपभोक्ता धारणा बेहतर होने से वित्त वर्ष 2023-24 के बचे हुए समय और अगले वित्त वर्ष में भी भारत की वृद्धि दर को मजबूती मिलती रहेगी।