नयी दिल्ली, 1 जून (एजेंसी)
भारत और नेपाल के बीच सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन के विस्तार, एकीकृत जांच चौकियों के विकास और पनबिजली में सहयोग बढ़ाने सहित सात समझौते हुए हैं। इनमें प्रमुख तौर पर रेल नेटवर्क के विस्तार की बात कही गयी है। प्रमुख समझौतों में से एक ट्रांजिट की संशोधित भारत-नेपाल संधि भी है। इसमें नेपाल के लोगों के लिए नए रेल मार्गों के साथ ही भारत की जलमार्ग सुविधा का भी प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने नए रेल लिंक स्थापित कर भौतिक संपर्क बढ़ाने का निर्णय किया। साथ ही भारतीय रेल संस्थानों में नेपाल के रेलकर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का भी निर्णय किया गया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अपने नेपाली समकक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ व्यापक वार्ता की। दोनों नेताओं ने डिजिटली कई परियोजनाओं की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि नेपाल पांच भारतीय राज्यों- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करता है। चारों ओर से जमीन से घिरा नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है। समुद्र तक नेपाल की पहुंच भारत के माध्यम से है। साल 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है।
मोदी की पड़ोस पहले नीति सराहनीय : प्रचंड
नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि वह मोदी की ‘पड़ोस पहले की नीति’ की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, ‘नेपाल और भारतीय संबंध समृद्ध परंपरा से निर्मित ठोस नींव पर खड़ा है। साथ ही संप्रभु समानता, आपसी सम्मान, समझ और सहयोग के समय की कसौटी पर खरे उतरे सिद्धांत के प्रति दोनों देश प्रतिबद्ध हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत के आर्थिक और विकास परिदृश्य के उल्लेखनीय बदलाव को देखकर खुश हैं। मैं कई मोर्चों पर दूरगामी उपलब्धियों के साथ सरकार में नौ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता हूं।’