नयी दिल्ली, 17 सितंबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ की जोरदार वकालत करते हुए रविवार को सम्मेलन आधारित पर्यटन (काॅन्फ्रेंस टूरिज्म) के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि ‘भारत मंडपम’ और ‘यशोभूमि’ देश के आतिथ्य, श्रेष्ठता और भव्यता के प्रतीक बनेंगे।
प्रधानमंत्री ने ‘इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर’ के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित करने और ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करने के बाद यह बात कही। एक्सपो केंद्र का नाम ‘यशोभूमि’ रखा गया है।
मोदी ने कहा, ‘बदलते समय के साथ विकास और रोजगार के नये क्षेत्र भी बनते हैं। आज से 50-60 साल पहले इतने बड़े प्रौद्योगिकी उद्योग के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। आज से 30-35 साल पहले सोशल मीडिया भी कल्पना मात्र ही था। आज दुनिया में एक और बड़ा क्षेत्र विकसित हो रहा है, जिसमें भारत के लिए असीम संभावनाएं हैं। यह सेक्टर है काॅन्फ्रेंस टूरिज्म का।’ देश की बड़ी कंपनियां हर साल अपने बड़े कार्यक्रम करने के लिए विदेश जाने के लिए मजबूर हो जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘इतना बड़ा बाजार हमारे सामने है। आज का नया भारत खुद को काॅन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए तैयार कर रहा है।’
‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करते हुए कारीगरों और शिल्पकारों को ‘मेक इन इंडिया’ की शान बताया। उन्होंने कहा, ‘अब गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली सहित अनेक त्योहार आने वाले हैं। मैं सभी देशवासियों से ‘लोकल’ (स्वदेशी) उत्पाद खरीदने का आग्रह करूंगा।’
भव्य, विशाल, विश्वस्तरीय
‘यशोभूमि’ को लगभग 5,400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। इसमें विश्व-स्तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी।
मेट्रो में किया सफर
‘यशोभूमि’ पहुंचने से पहले, प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो में सफर किया। इस दौरान उन्होंने कई यात्रियों से बातचीत की। उधर, कांग्रेस ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चुनावों को देखते हुए ऐसे कदम उठा रहे हैं।