मुंबई, 1 सितंबर (एजेंसी)
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने शुक्रवार को 14 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन कर दिया। यह समिति ही गठबंधन की सर्वोच्च इकाई के रूप में काम करेगी। साथ ही, इसी माह सीटों के तालमेल पर भी काम कर लिए जाने की बात कही गयी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने संकेत दिया कि गठबंधन की ओर से कोई चेहरा नहीं होगा, बल्कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को ही आगे रखकर चुनाव लड़ा जाएगा।
मुंबई के एक पंचतारा होटल में 28 दलों के 63 प्रतिनिधियों की दो दिवसीय मंत्रणा के बाद विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति, 19 सदस्यीय चुनाव अभियान समिति, सोशल मीडिया से संबंधित 12 सदस्यीय कार्य समूह, मीडिया के लिए 19 सदस्यीय कार्यसमूह और शोध के लिए 11 सदस्यीय समूह का गठन किया। दूसरे दिन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जदयू नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राकांपा नेता शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बैठक में शामिल नेता 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर वे एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे तो भाजपा का जीतना असंभव होगा। तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने ‘इंडिया’ के साझेदारों से तुरंत एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) तैयार करने का आग्रह किया और कहा कि यही गठबंधन का चेहरा होगा। आने वाले दिनों में ‘इंडिया’ के घटक दल अलग-अलग स्थानों पर जनसभाएं भी करेंगे। विपक्षी गठबंधन की यह तीसरी बैठक थी। पहली बैठक जून में पटना में, जबकि दूसरी बैठक जुलाई में बेंगलुरू में हुई थी।
ये नेता हैं समन्वय समिति में
सर्वोच्च इकाई समन्वय समिति में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक नेता टीआर बालू, राजद नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत, आप सांसद राघव चड्ढा, भाकपा के डी. राजा, नेकां के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। इसमें जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और सपा सांसद जावेद अली खान को भी शामिल किया गया है। माकपा से कोई एक नेता बाद में इस समिति में शामिल होगा।
एकजुटता का नतीजा होगा भाजपा की हार : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी एकजुटता का फलसफा आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के रूप में सामने आएगा। उन्होंने कहा, ‘हम लोगों ने तेजी से काम करने की शुरुआत कर दी है। कोई ठिकाना नहीं है, चुनाव समय के पहले भी हो सकते हैं। हमें सतर्क रहना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि अभी तो मीडिया पर भी सत्ताधारी पार्टी का ‘कब्जा’ है लेकिन एक बार उनसे (वर्तमान केंद्र सरकार से) ‘मुक्ति’ मिलेगी तो आप सब प्रेस वाले ‘आजाद’ हो जाइएगा। उन्होंने कहा, ‘फिर जो उचित लगेगा, वही लिखिएगा, वही बोलिएगा। यह बहुत जरूरी है।’