नयी दिल्ली, 14 अगस्त (एजेंसी) स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य बलों के कुल 1,082 पुलिसकर्मियों को वीरता समेत सेवा पदक की विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। एक आधिकारिक बयान में रविवार को कहा गया कि 347 पुलिस पदक वीरता के लिए, विशिष्ट सेवा के लिए 87 राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 648 पुलिस पदक प्रदान किए गए। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि वीरता के लिए 347 पदक में से 204 कर्मियों को जम्मू-कश्मीर में वीरतापूर्ण कार्य करने के लिए, 80 पुलिसकर्मियों को वामपंथी चरमपंथ या नक्सल हिंसा प्रभावित स्थानों में वीरता का प्रदर्शन करने के लिए तथा 14 पुलिसकर्मियों को पूर्वोत्तर क्षेत्र में बहादुरी का परिचय देने के लिए सम्मानित किया गया। इस बार सबसे ज्यादा 109 वीरता पदक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को मिले। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस को 108, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को 19 तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) तथा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को छह-छह पदक मिले। राज्य के पुलिस बलों में से 42 वीरता पदक महाराष्ट्र को दिए गए।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।