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Haryana Road Plight: हरियाणा के ‘डेथ पॉइंट्स’ पर सख्त हुई पुलिस, DGP ओपी सिंह ने केंद्र तक पहुंचाया मामला

Haryana Road Plight: बोले, हर सड़क बने सुरक्षित, अब मौत से समझौता नहीं
सांकेतिक फाइल फोटो।
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Haryana Road Plight: हरियाणा की सड़कों पर पसरे ‘डेथ पॉइंट्स’ अब पुलिस के रडार पर हैं। सड़क हादसों में लगातार हो रही मौतों से चिंतित DGP ओपी सिंह ने केंद्र सरकार तक मामला पहुंचाते हुए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और हरियाणा लोक निर्माण विभाग (PWD) को सख्त शब्दों में पत्र लिखकर कहा है कि अब वक्त आ गया है कि हरियाणा की सड़कों से मौत का साया मिटाया जाए, क्योंकि हर जान अनमोल है।

हरियाणा पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त रिपोर्ट ने चौकाने वाले आंकड़े उजागर किए हैं। पिछले चार साल में राज्य में 474 ब्लैक स्पॉट्स (दुर्घटना-प्रवण स्थल) चिह्नित किए गए, लेकिन अब तक सिर्फ 223 जगहों पर सुधार हुआ है, जबकि 251 स्थान अब भी ‘डेथ पॉइंट्स’ बने हुए हैं। DGP ने कहा कि इन स्थानों पर सड़क डिजाइन, संकेतक बोर्डों की कमी, सर्विस रोड न होना और रात में खराब रोशनी जैसे कारणों से बार-बार हादसे हो रहे हैं।

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उन्होंने दो टूक कहा कि हर अधूरा ब्लैक स्पॉट एक संभावित त्रासदी है। अब सड़क इंजीनियरिंग में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। DGP ओपी सिंह ने यह पत्र नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सचिव वी. उमाशंकर और PWD के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल को भेजा है। उन्होंने मांग की है कि एनएचएआई और प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग यूनिट्स को तत्काल एक्शन में लाया जाए। DGP ने कहा कि फाइलों में दिशा-निर्देश नहीं, अब फील्ड में नतीजे चाहिए। जब तक डेथ पॉइंट्स जिंदा हैं, सड़क सुरक्षा अधूरी है।

183 ब्लैक स्पॉट्स पर सुधार जारी, बाकी जल्द होंगे दुरुस्त

हरियाणा सरकार ने बताया कि 2020 से 2025 के बीच कुल 413 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है। इनमें से 183 स्थलों पर सुधार कार्य तेजी से चल रहा है। सबसे अधिक ‘डेथ पॉइंट्स’ फरीदाबाद (28), गुरुग्राम (25), सोनीपत (21), पलवल (20), करनाल (20) और पानीपत (15) जिलों में हैं। राज्य सरकार ने सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों के लिए 1.5 लाख तक की कैशलेस चिकित्सा योजना भी शुरू की है ताकि हादसे के तुरंत बाद इलाज में देरी से कोई जान न जाए।

हर सड़क पर मौत नहीं, सुरक्षा चाहिए

DGP सिंह ने कहा कि हरियाणा पुलिस केवल कानून और व्यवस्था तक सीमित नहीं है। हम नागरिकों की जान की सुरक्षा के लिए भी जवाबदेह हैं। सड़क हादसों को रोकना ही असली ‘प्रिवेंटिव पुलिसिंग’ है और यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए अब पुलिस, प्रशासन और इंजीनियरिंग विभाग एकजुट होकर मिशन मोड में काम करेंगे। DGP ने कहा कि सड़क सुरक्षा अब किसी विभाग का मुद्दा नहीं, बल्कि राज्य की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब तक डेथ पॉइंट्स खत्म नहीं होंगे, विकास अधूरा रहेगा। हर सड़क का सुधार हरियाणा की हर जान की सुरक्षा से जुड़ा है।

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